मुंगेली

तीन दिवसीय संगीतमय राजयोग शिविर आयोजित

मुंगेली {अजीत यादव}। मुंगेली में विगत 32 वर्षों से संचालित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में 1 से 3 मार्च तक त्रि-दिवसीय संगीतमय राजयोग शिविर का आयोजन स्थानीय सामुदायिक भवन में किया गया।

पहले दिन में इस शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष भ्राता संतूलाल सोनकर, भ्राता उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह, आईसेक्ट प्रबंधक जया गुप्ता व अन्य पार्षदों द्वारा दीप प्रज्वलन करते माउंटआबू से पधारे प्रसिद्ध गायक राजयोगी भ्राता बीके अविनाश एवं अन्य सहयोगी ने “ज्योति से ज्योत जलाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो” गीत गाते हुए मुंगेली संस्था प्रमुख बहन सीमा, मधु बहन बिलासपुर, कुंती बहन, चंपा बहन के साथ मिलकर किया गया।

तत्पश्चात् अतिथियों का स्वागत बुके द्वारा बहन सीमा, भ्राता सुनील ने किया। गायक अविनाश ने संगीत के माध्यम से हुऐ ‌परमपिता शिवबाबा से जुड़े आत्मा की तीन शक्तियों मन, बुद्धि, अहंकार से परिचय कराया। उन्होंने बताया कि मन कार्य है, विचार संकल्प है।

उन्होंने यह भी कहा कि राजयोग के अभ्यास से हमारे विचारों की गति कम होती है जो एक मिनट में हम 24 से 32 विचार चलते हैं। हमारी बुद्धि की निर्णय शक्ति तीव्र होती है। कार्यक्रम में विद्यालय की बहनों ने संतोषी माता का रुप धरकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। बहन जया गुप्ता, बहन सीमा, बहन कुंती, बहन छाया को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया और माता संतोषी रुपी सभी बहनों पर पुष्प वर्षा किया गया।

शिविर के द्वितीय दिवस के शुभारंभ में दीप-प्रज्जवलन नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अनिल सोनी, डॉ. प्रेमकुमार वर्मा, जेठमल कोटड़िया, पार्षद अरविंद वैष्णव, विश्व विद्यालय के सम्स्त भ्राता-बहिनों की उपस्थिति में किया गया।

भ्राता अविनाश ने भक्तिमय संगीत के माध्यम से परमात्मा दर्शन के परिचय में बताया कि सभी धर्मों के संस्थापकों ने 2000 के पूर्व कहा है कि खुदा एक ज्योति अर्थात नूर के समान है, इसी तरह हिंदू धर्म में सोमनाथ मंदिर की स्थापना राजा विक्रमादित्य के द्वारा कर पूजा किया गया।

क्राइस्ट ने बताया कि गॉड इज लाईट परमेश्वर ज्योतिस्वरुप है, गुरुनानक ने एक ओंकारा ओम निराकार सत्य अकाल है। शिविर के तृतीय व अंतिम दिन के शुभारंभ में दीप प्रज्जवलन सतपाल रोहरा, अविनाश, बहन सीमा, बहन कुंती, बहन कुंती द्वारा किया गया। साथ ही गायक अविनाश ने स्वर्ग दर्शन के विषय में बताया कि हिंदू धर्म के सभी देवी-देवताओं को पूजना ही स्वर्ग दर्शन हैं।

कार्यक्रम में विष्णु-लक्षमी, शंकर-पार्वती, कृष्ण-राधा की झांकी बनाई गई और महिलाओं ने शानदार गरबा प्रस्तुत किया। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोगों ने‌ त्रि-दिवसीय संगीतमय राजयोग शिविर की प्रशंसा करते हुए उत्साहपूर्वक अपने-अपने अनुभव बांटे। अंत में बहन कुंती ने सभी का धन्यवाद करते हुए शिविर के समापन की घोषणा की।

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