लखनऊ/उत्तरप्रदेश

आशीष समेत तीन आरोपियों को फॉरेंसिक टीम घटनास्थल लेकर हुई रवाना…

लखनऊ/लखीपुर। लखीपुर खीरी में हुए हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की पुलिस रिमांड का आज आखिरी दिन है। आशीष को एसआईटी ने मंगलवार को 72 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लिया था। गुरूवार को एसआईटी व फॉरेंसिक टीम आशीष समेत तीन आरोपियों को घटनास्थल लेकर रवाना हुई है। मालूम हो कि 3 अक्टूबर को हिंसा के दौरान 4 किसान और एक पत्रकार की जीप से कुचलकर मौत हुई थी।

SIT की जांच में आज एक और अहम पड़ाव है। आज आशीष का उसके दोस्त अंकित दास से आमना-सामना होगा। अंकित दास पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास का भतीजा है। बुधवार को अंकित दास खुद 6 वकीलों के साथ क्राइम ब्रांच पहुंचा था और सरेंडर किया था। करीब 5 घंटे की पूछताछ के बाद उसने फॉर्च्यूनर में बैठे होने की बात स्वीकारी थी। गुरुवार सुबह 10 बजे से अंकित दास और उसके मैनेजर व सिक्योरिटी गार्ड लतीफ उर्फ काले की भी तीन दिन की पुलिस रिमांड शुरू हो रही है।

अंकित दास और काले ने SIT की पूछताछ में हिंसा के वक्त काली फॉर्च्यूनर में मौजूद होने की बात कबूल की थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। वहीं पुलिस इनके ड्राइवर शेखर को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, SIT की टीम आरोपी आशीष मिश्र का अंकित दास, लतीफ और फिर ड्राइवर शेखर से आमना-सामना कराएगी। इस दौरान उनके बयानों का क्रास वेरिफिकेशन करेगी। साथ ही, घटनास्थल पर जाकर उनकी प्रमाणिकता की बारीकी से पड़ताल करेगी।

मुख्य आरोपी आशीष मिश्र उर्फ मोनू के अधिवक्ता वकील अवधेश सिंह आज (गुरुवार) जिला जज के यहां जमानत के लिए प्रार्थना पत्र लगाएंगे। बुधवार को उसके वकील ने CJM की कोर्ट में अर्जी लगाई थी। जहां उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। SIT की पूछताछ में अंकित दास ने बताया कि वह घटना के बाद डर कर लखनऊ स्थित घर आया। यहां पुलिस की दबिश के डर से होटल चल गया, जहां से एक दोस्त की गाड़ी लेकर नेपाल चला गया। टीवी पर आशीष की गिरफ्तारी की जानकारी होने पर वकील से संपर्क कर हाजिर हुआ।

गौरतलब है कि 3 अक्टूबर (रविवार ) को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क गई थी। आरोप है कि भड़की हिंसा के दौरान किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। जिसमें एक पत्रकार भी मारा गया था। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था।

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