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बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या पर राज्य में मचा बवाल, सड़कों पर उतरे लोग; 3 आरोपी किए गए गिरफ्तार ….

शिवमोग्गा। विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की रविवार देर रात हत्या के बाद राज्य में तनाव का माहौल है। कर्नाटक के शिवमोग्गा में तनाव के बीच शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया है। इसके अलावा अधिकारियों ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है, चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है।

बजरंग दल के सदस्य हर्षा की कल रात करीब नौ बजे अज्ञात लोगों ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह बच नहीं सका। पुलिस ने कहा कि हर्षा के हमलावरों ने उस पर हमला करने से पहले एक कार में उसका पीछा किया था। हमले के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने कुछ वाहनों में आग लगा दी गई।

शिवमोग्गा के पुलिस अधीक्षक बीएम लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि भीड़ को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा, “हम [सोमवार] शाम को स्थिति की समीक्षा के बाद कल [मंगलवार] कोई फैसला लेंगे। पिछली [रविवार] रात को मामूली घटनाएं हुई थीं। हमने जिले भर में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी है।” इस मामले में अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

हमले के बाद, इलाके के कई वाहनों में आग लगा दी गई और आग को रोकने के लिए पुलिस ने भारी बल तैनात किया है। प्रशासन ने सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है और आदेश दिया है कि स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। पाबंदी के बावजूद, बजरंग दल के समर्थकों की भारी भीड़ युवक के शव को घर ले जाते वक्त साथ रही।

राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा है कि अब तक की जांच में हत्या और हिजाब विवाद के बीच कोई संबंध सामने नहीं आया है। उन्होंने मीडिया से कहा, “हिजाब मुद्दे का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। यह अलग-अलग कारणों से हुआ है। शिवमोग्गा एक संवेदनशील शहर है।”

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने कहा है कि पुलिस को जांच के दौरान सुराग मिले हैं और वह उन पर काम कर रही है।

हालांकि, कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार पर हिजाब विरोध पर की गई टिप्पणियों के साथ हत्या को उकसाने का आरोप लगाया है।

मंत्री ने हर्षा को ईमानदार आदमी बताया। उन्होंने कहा, “मुस्लिम गुंडों ने उसकी हत्या कर दी। हाल ही में, डीके शिवकुमार ने दावा किया कि राष्ट्रीय ध्वज को भगवा ध्वज से बदल दिया गया था, और हिजाब विरोधी प्रोटेस्ट के लिए सूरत में एक कारखाने से लगभग 50 लाख भगवा शॉल मंगवाए गए थे। उनके इन बयानों के बाद गुंडागर्दी बढ़ गई।”

ईश्वरप्पा की टिप्पणी का जवाब देते हुए, शिवकुमार ने कहा कि वह “पागल आदमी” हैं। उन्होंने कहा, “सिद्धारमैया ने कहा है कि उनकी जुबान और दिमाग के बीच कोई संबंध नहीं है। भाजपा नेतृत्व को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।”

विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने मांग की है कि राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र को राज्य में कानून और व्यवस्था की “विफलता” पर पद छोड़ना चाहिए।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि हमला चार लोगों ने किया था। हत्या को हिजाब विवाद से जोड़ने वाली खबरों को खारिज करते हुए अधिकारी ने कहा कि हर्षा हमलावरों को जानता था और यह पुरानी रंजिश का नतीजा है। बजरंग दल के राज्य संयोजक रघु सकलेशपुर ने कहा है कि वे मामले में पुलिस की कार्रवाई से “खुश नहीं” थे। “वह (हर्षा) एक सक्रिय सदस्य थे। हम जल्द ही अगली कार्रवाई का फैसला करेंगे।”

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