नई दिल्ली

नेशनल हेराल्ड के सभी फैसले मोतीलाल वोरा के लेने के सबूत नहीं, ईडी नहीं उगलवा पाई राज, सूत्रों ने किया दावा ….

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने कहा है कि पूछताछ के लिए बुलाए गए सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत में से किसी ने भी यह साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं दिया कि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े सभी वित्तीय लेनदेन पंडित मोती लाल वोरा द्वारा नियंत्रित किए गए थे।

पंडित मोती लाल वोरा कांग्रेस पार्टी के सबसे लंबे समय तक कोषाध्यक्ष रहे। उनका साल 2020 में निधन हो गया था। दरअसल, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी से पूछताछ के दौरान कहा था कि एजेएल और यंग इंडिया लिमिटेड से जुड़े सभी वित्तीय लेन-देन मोती लाल वोरा ही देखा करते थे।

ईडी सूत्रों का कहना है कि जब राहुल गांधी से वित्तीय पहलुओं के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी लेनदेन पंडित मोती लाल वोरा द्वारा किए जाते हैं। ईडी के सामने राहुल और सोनिया के अलावा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन कुमार बंसल ने भी यही नाम लिया था लेकिन, ये सभी नेता बैठक से संबंधित दस्तावेज पेश करने में विफल रहे, अगर ऐसी कोई बैठक हुई।

सूत्रों ने यह भी कहा कि ईडी के पास खड़गे को बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था जब संसद सत्र चल रहा था क्योंकि वह यंग इंडियन के एकमात्र कर्मचारी हैं।

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