धर्म

विवाह पंचमी पर हुआ था भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह, नोट कर लें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व…

नई दिल्ली। भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह महोत्सव मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का  विवाह हुआ था। हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को राम विवाह महोत्सव मनाया जाता है। इस दिन को विवाह पंचमी के नाम से भी जानते हैं। इस साल विवाह पंचमी या श्री राम विवाह उत्सव 8 दिसंबर (बुधवार) को है।  विवाह पंचमी के दिन जनकपुर और अयोध्या समेत देश के कई हिस्सों में राम विवाह उत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम की बारात निकाली जाती है और माता सीता के साथ विवाह कराया जाता है।

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 07 दिसंबर को रात 11 बजकर 40 मिनट पर हुआ। पंचमी तिथि 08 दिसंबर रात्रि 09 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मिथिला के राजा जनक अपनी बेटी सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन करते हैं। स्वयंवर की सूचना मिलने पर भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ भी शामिल हो जाते हैं।

सभा में मौजूद एक-एक करके कई योद्धा शिव धनुष को तोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन असफल रहते हैं। तब भगवान राम शिव धनुष को तोड़ते हैं और माता सीता उन्हें वरमाला पहनाकर अपना वर चुनती हैं। इसके बाद यह शुभ समाचार मिथिला से अयोध्या जाता है। जिसके बाद राजा दशरथ, भरत और शत्रुघ्न के साथ बारात लेकर आते हैं। मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम और माता सीता का विवाह होता है।

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