छत्तीसगढ़रायपुर

18-44 आयुवर्ग के टीकाकरण को बंद करने का फ़ैसला उच्च न्यायालय की अवमानना और प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा …

कहा- छत्तीसगढ़ को किसी भी क़ीमत पर ‘धान का कटोरा’ से ‘भीख का कटोरा’ में बदलने नहीं देंगे

रायपुर (गुणनिधि मिश्रा) । जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) प्रदेश अध्यक्ष अमित अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ सरकार के 18-44 आयुवर्ग के टीकाकरण को बंद करने के फ़ैसले को उच्च न्यायालय की अवमानना और प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा बताया है।

अमित जोगी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके द्वारा लगाई जनहित याचिका में परसों पारित आदेश में हाई कोर्ट की मंशा आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के साथ-साथ बाक़ी सभी लोगों को भी टीका लगना की थी क्योंकि देश के सभी नागरिकों को जीने का समान अधिकार है। अमित जोगी ने जोर देकर कहा कि 18-44 आयुवर्ग के टीकाकरण पर रोक लगाने के अपने फ़रमान से छत्तीसगढ़ सरकार ने हाई कोर्ट को जनता के समक्ष खलनायक दर्शाने की कोशिश की है जो सीधे तौर पर न्यायालय की अवमानना है। अमित ने कहा कि इसके विरुद्ध वो उच्च न्यायालय से सरकार के ख़िलाफ़ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही करने की माँग करेंगे।

अमित जोगी ने कहा कि उनकी पार्टी छत्तीसगढ़ को किसी भी क़ीमत पर धान का कटोरा से भीख का कटोरा में बदलने नहीं देगी। इस संदर्भ में उन्होंने याद किया कि 2001 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के किसानों का धान ख़रीदने से मना कर दिया था तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने धान ख़रीदी शुरू करके देश में एक नया इतिहास रचा था।

अमित जोगी ने कहा कि टीकाकरण में छत्तीसगढ़ सरकार की नीति और नियत में खोट है। धान ख़रीदी शुरू करने वाली जोगी सरकार के 4000 करोड़ के बजट की अपेक्षा वर्तमान सरकार के पास 1,25,000 करोड़ का खजाना है। केवल एक साल की अपनी शराब की कमाई का 1/4th भाग- 3 करोड़ खुराक के लिए 900 करोड़- की एकमुश्त टीका-ख़रीदी करके प्रदेश के सभी वर्गों के 1.51 करोड़ युवाओं को बिना किसी भेद-भाव के बड़ी आसानी से टीका लगा सकती है।

अमित जोगी ने सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री दिल्ली के अपनी पार्टी के नेताओं के एक इशारे पर असम चुनाव में खरबों लुटा सकते हैं और UP को प्रदेश से ऑक्सिजन भेज सकते हैं, तो छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए जीवन-रक्षक टीके की खुराकें क्यों नहीं ख़रीद सकते हैं? अमित जोगी ने कहा कि केवल ‘मोदी टीका दो’ नारे लगाकर छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के 18-44 आयुवर्ग के युवाओं के प्रति अपनी जवाबदारी से बच नहीं सकती है जबकि भारत सरकार अपने संसाधनों से प्रदेश के 45+ के लोगों को अब तक 55 लाख टीके लगा चुकी है।

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