लेखक की कलम से

आंसू …

 

इन आंसुओं से मुझको तो प्यार ही बहुत है।

आँसू नहीं तो जीवन, बेकार है बेकार है।।

 

अच्छा है इसको कोई पहचान नहीं सकता।

खुशियां हो या हो गम, आधार है आधार है।।

 

आँसुओं की समंदर में डूबी रहूँ हरदम।

इससे ही तो ये जीवन, साकार है साकार है।।

 

राधा हो या हो मीरा, उन्होंने भी पीया है।

इसे पीके जीने वाले, महान है महान है।।

 

आँखों में आँसू हो और होठो पे मुस्कराहट।

समझो कि जिंदगी, खुशहाल है खुशहाल है।।

©श्रीमती रानी साहू, मड़ई (खम्हारिया)

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