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सुनील के दोनों हाथ नहीं है मगर जूनून है शिक्षा की …

रायपुर। सुनील ध्रुव बलौदाबाजार जिले के बिटकुली गांव का एक दिव्यांग बेरोजगार नवयुवक है। जिनके दोनों हाथ नहीं है। उन्होंने  बीए स्नातक तक कि शिक्षा ग्रहण किया हैं। वे अपने पैरों से ही लिखते हैं। सुनील लॉकडाउन के पहले एक प्लांट में ऑपरेटर का काम करते थे। अन्य लोगों के साथ उनका भी काम बंद हो गया जिसके कारण उन्हें घर पर ही रहना उनकी मजबूरी हो गई।

रोजगार जाने से चिंतित सुनील ने मन में कुछ अलग करने की ठानी और कोरोना काल में स्कूल बंद होने से अपने गांव के बच्चों को व्यर्थ घूमते देख पढ़ाई के महत्व को समझते हुए उन्होंने अपने इस कठिन समय को चुनौती मानते हुए अवसर में बदलने का संकल्प लिया। वे रोज आपने गांव के बच्चों को एक जगह एकत्रित कर स्वेच्छा से पारा मोहल्ला क्लास ले रहे हैं। इनके क्लास में नियमित रुप से बच्चे आते हैं।

सुनील ध्रुव अपनी कक्षा में पढ़ाई के साथ बच्चों को गणित की संक्रियाओं को सहज ढंग से सिखाते हैं। आज के इस समय में उनकी दृढ़संकल्प, इच्छाशक्ति के कारण वे स्वयं अपने पैरों पर खड़े होकर पूरे समाज को एक प्रेरणा और एक संदेश दे रहे है। सुनील ध्रुव अपना काम स्वयं करते हैं जैसे खाना बनाना आदि। उन्होंने अपनी शारीरिक कमजोरी को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया व अपने गांव के सुविधा विहीन बच्चों के लिए एक आदर्श बनकर अपनी सेवा दे रहे हैं। मैं व्यक्तिगत रुप से आप सभी से निवेदन करता हूं कि इस वीडियो को एक बार जरूर देखे और शेयर करे। यह वीडियो सुनील ध्रुव की  अदभुत, अदम्य इच्छाशक्ति उत्साह और साहस का परिचायक हैं।

 

 

   @दिल्ली बुलेटिन के लिए टीसी जायसवाल की रपट   

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