शिवराज कैबिनेट ने नवरात्रि में गरबा की दी इजाजत मगर कमर्सियल पर रहेगी रोक, दुर्गा पंडाल के लिए गाइडलान जारी ….
15 के बाद पूरी तरह खुल जाएंगे जिम और कोचिंग सेंटर्स
भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार ने कोरोना की पाबंदियों में बड़ी छूट दे दी है। नवरात्रि में गली मोहल्लों में गरबा खेला जा सकेगा। सरकार ने इसकी इजाजत दे दी है लेकिन व्यापक स्तर पर होने वाले कमर्शियल गरबा पर रोक जारी रहेगी। कोचिंग सेंटर्स और जिम भी 15 अक्टूबर से पूरी सौ फीसदी क्षमता के साथ खुल जाएंगे। दुर्गा पंडाल तो लगेंगे लेकिन चल समारोह पर पाबंदी रहेगी।
दुर्गा पंडाल लगेंगे, लेकिन चल समारोह नहीं- कोरोना के कारण प्रदेश में जारी पाबंदी पर सरकार ने कुछ ढील दे दी है। मंगलवार देर शाम हुई शिवराज कैबिनेट की वर्चुअल बैठक में नई गाइडलाइन पर मुहर लगी. नवरात्रि में दुर्गा पंडाल लगाने की परमिशन दे दी गयी लेकिन इसमें कोविड गाइड लाइन का पालन करना होगा. हालांकि चल समारोह को किसी तरह की अनुमति नहीं रहेगी।
कोचिंग क्लास और जिम पूरी क्षमता से खुलेंगे- सरकार ने कॉलोनियों और सोसायटी में गरबा खेलने की अनुमति दे दी है लेकिन कमर्शियल गरबा पर रोक रहेगी। डीजे और बैंड रात 10 बजे तक बजाए जा सकेंगे। कोचिंग क्लास और जिम 100% क्षमता के साथ खोलने पर कैबिनेट ने मोहर लगा दी। 15 अक्टूबर के बाद कोचिंग सेंटर्स 100% क्षमता और स्टेडियम 50% क्षमता के साथ खुल सकेंगे। धार्मिक स्थल पर एक समय में सिर्फ 5 लोग ही मौजूद रह सकेंगे। विवाह समारोह और सरकारी आयोजनों में 300 लोगों के मौजूद रहने की छूट दे दी है। अंतिम संस्कार में 200 लोग जा सकेंगे। कॉलोनी और सोसायटी में रावण दहन हो सकेगा। हालांकि सामूहिक आयोजन के लिए अनुमति लेना होगी।
अटल प्रोग्रेस-वे में जमीन अधिग्रहण पर मुआवजे को लेकर बड़ा फैसला- इसके अलावा शिवराज कैबिनेट में कुछ और अहम फैसले भी हुए हैं. कैबिनेट ने ग्वालियर चंबल इलाके से गुजरने वाले अटल प्रोग्रेस-वे में जमीन अधिग्रहण पर मुआवजे को लेकर भी अहम फैसला किया गया है. इसके तहत ज़मीन अधिग्रहण के बदले दोगुनी कीमत का मुआवजा दिया जाएगा साथ ही सरकारी ज़मीन से भी अदला बदली बतौर मुआवजे हो सकेगी. अटल प्रगति पथ मध्यप्रदेश के श्योपुर, मुरैना और भिण्ड जिले से होकर गुजरेगा। पथ की कुल लंबाई मध्यप्रदेश में 313 किलोमीटर है। इस पथ को भारत सरकार द्वारा भारतमाला परियोजना में शामिल किया गया है। परियोजना में 4-लेन सड़क निर्माण के लिए राज्य की ओर से नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराई जानी है। परियोजना में तीनों जिलों को मिलाकर कुल 1300 हेक्टेयर निजी भूमि, 1523 हेक्टेयर शासकीय भूमि और 270 हेक्टेयर वन भूमि है। इस प्रकार कुल 3093 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हो रही है। तीनों जिलो में 1523 हेक्टेयर शासकीय भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सितम्बर, 2020 में हस्तांतरित कर दी गई है। कुल 270 हेक्टेयर वन भूमि के व्यपवर्तन की कार्यवाही प्रचलित है। परियोजना में 1300 हेक्टेयर निजी भूमि प्रभावित हो रही है। वर्तमान प्रावधानों में निजी भूमि के समतुल्य शासकीय भूमि अदला-बदली कर उपलब्ध करायी जाना है। यह कार्य दिसंबर-2021 तक पूरा किया जाना है।
भूमि अधिग्रहण को लेकर भिंड में अफसरों की बैठक हुई- अटल चंबल एक्सप्रेस-वे निर्माण को लेकर प्रशासनिक अफसरों को जमीन अधिग्रहण करना है। जमीन अधिग्रहण करने के लिए राजस्व अधिकारियों की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण करने के लिए टीमें गठित की और सभी को निर्देशित किए। कलेक्टर ने एसडीएम उदय सिंह सिकरवार को जमीन अधिग्रहण की रूपरेखा तैयार करते हुए कहा कि सबसे पहले 20 टीमें बनाई जाएं। इनमें से 13 टीमों को एक-एक गांव एवं 7 टीमों को दो-दो गांव आवंटित किए जाएं। इन टीमों को 10 अक्टूबर से मैदान में उतारने के निर्देश दिए। आरआई एवं नायब तहसीलदार भी टीम के साथ उपस्थित रहेंगे। बैठक के दौरान जमीनों के सीमांकन के लिए पटवारियों की कमी होने का एक मुद्दा आया। इस कमी को पूरा करने के लिए अन्य क्षेत्र के पटवारियों को शामिल करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान गांव के कोटवार को भी शामिल किया जाए। हर टीम में दो-दो पुलिस के जवान भी शामिल होंगे। बैठक के दौरान शासकीय भूमि व वन विभाग की भूमि को लेकर चर्चा की गई। वन विभाग के गार्डों को 5 स्थानों के लिए शामिल किए जाने के लिए निर्देशित किया गया।
यह फैसला भी हुआ- इसके अलावा मंत्रि-परिषद ने इंदौर दुग्ध संघ में 80 करोड़ 14 लाख 79 हजार की लागत से 30 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के मिल्क पावडर प्लांट की स्थापना के लिये 50 करोड़ रुपये का ऋण एनसीडीसी से प्राप्त करने के प्रस्ताव को अनुमोदन देने तथा उक्त ऋण पर मध्यप्रदेश सरकार के प्रत्याभूति नियम 2009 के अधीन शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति देने का निर्णय भी लिया।