लेखक की कलम से

षष्ठी स्कंद माता ….

हो धनि धनि दुर्गेरानी, महरानी, कल्यानी मैया ले लो खबरिया मां,

ले लो खबरिया, ले लो खबरिया, ले लो खबरिया मां,

हो धनि धनि दुर्गेरानी, महरानी, कल्यानी मैया ले लो खबरिया मां,

 

ममता मयी मैया वरदानी,

सुर नर मुनि सब देव बखानी,

असुर मर्दनी मां जगदम्बे

कर पार मोरी नैया मां,

हो धनि धनि दुर्गेरानी, महरानी, कल्यानी मैया ले लो खबरिया मां,

 

ब्रह्मा बेद पढ़े तेरे द्वारे,

संकट में सब तोहे पुकारे,

प्यारे न्यारे नाम तुम्हारे जग जाय बलिहार मोरी मां,

हो धनि धनि दुर्गेरानी, महरानी, कल्यानी मैया ले लो खबरिया मां,

 

खाली झोली भरती मैया,

तुम बिन कोई न मेरा सहइया,

काट बलईया,जग की

रचइया,द्वार आई भिखरिया मां,

हो धनि धनि दुर्गेरानी, महरानी, कल्यानी, मैया ले लो खबरिया मां,

 

चरण कमल का गुण मैं गाऊ,

कर विधि पुजा कर फैलाऊ,

पाऊ दरश स्पर्श चरण का

तोहरी पुजरिया मां,

हो धनि धनि दुर्गेरानी महरानी कल्यानी मैया ले लो खबरिया ना,

 

©क्षमा द्विवेदी, प्रयागराज               

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