लखनऊ/उत्तरप्रदेश

सड़कों पर उतरने की तैयारी में संत, काशी धर्म परिषद की बैठक में फैसला…..

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में  हुई हिंसा पर शुक्रवार को काशी धर्म परिषद ने बैठक कर घटना की निंदा करते हुए नाराजगी जतायी। उन्होंने केंद्र व मोदी सरकार से मांग की है कि इस तरह की अराजकता करने वाले और उसके पीछे के साजिशकर्ताओं को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

सुदामा कुटी हरतीरथ में पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में काशी के मठों के पीठाधीश्वर, संत, महंत व सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में 16 प्रस्ताव पारित किए गये।

बैठक में ये निर्णय लिया गया कि प्रस्ताव को सभी अखाड़ों, सभी पंथों के प्रमुखों के साथ मोदी सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने मांग की है कि कट्टरपंथियों के खिलाफ मोदी सरकार कड़ा कदम उठाए। पथराव व हिंसा के लिए जिम्मेदार व्यक्ति व संस्था पर लगाम लगाते हुए बंद करें। उनकी सम्पत्ति जब्त की जाए।

बैठक में संतो ने कहा कि हिंसा के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करना होगा। हिंदू देवी-देवताओं पर पर अपमान जनक टिप्पणी करने, फिल्मों में मजाक बनाने वालों को मोदी सरकार से तत्काल जेल भेजने की भी मांग की कई है। बैठक में रांची में हनुमान मंदिर में तोड़-फोड़ और हमले की भी निंदा की गई।

काशी धर्म परिषद की बैठक में मांग की गई है कि ज्ञानवापी पर सच बोलने वाले अफसर बाबा को स्थायी सुरक्षा दी जाये। अफसर बाबा के हमलावरों को गिरफ्तार कर रासुका लगे। काशी धर्म परिषद ने ऐलान किया है कि वो पंडित नुपुर शर्मा के साथ हैं और वो चाहते हैं कि उन्हें रेप की धमकी देने वालों पर रासुका लगे।

काशी धर्म परिषद की बैठक में ये भी फैसला किया गया है कि इस मामले में  जल्द ही संत, महात्माओं व नागा साधुओं की संयुक्त बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। देश को बचाने के लिए संत भी सड़क पर उतरेंगे। इसके अलावा संत समाज की शहर स्तर पर इकाई गठित की जाएगी, जिसमें सभी पंथों के लोग शामिल होंगे।

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