लेखक की कलम से

दुख …

किसी भूखे व्यक्ति के लिए
भूख सबसे बड़ा दुःख है

किसी प्रेमी के लिए
उसके प्रेम का न मिल पाना
सबसे बड़ा दुःख है

किसी संपन्न व्यक्ति के लिए
किसी को अपनी बात न मनवा पाना
अपनी इच्छाओं को उस पर न थोप पाना
सबसे बड़ा दुःख है

किसी माँ के लिए
उसकी संतान का मर जाना
सबसे बड़ा दुःख है

किसी बाप के लिए
अपनी संतान द्वारा बहिष्कृत कर दिया जाना
सबसे बड़ा दुःख है

दुःख पानी की तरह है
जिसका कोई निश्चित आकार नहीं होता
जिस भी पात्र में वह जाता है
उस सा ही हो जाता है ।

 

©ऋषिकेश चौहान, हरदीबाजार, कोरबा       

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