मध्य प्रदेश

फिल्मी स्टाइल में लूट: फर्जी सीबीआई अफसर बनकर 6 लोगों ने डिस्टलरी कंपनी पर रेड की, दो लाख रुपए ले गए, सभी गिरफ्तार…

छतरपुर। मूलत: निवाड़ी जिले का निवासी सिद्धपाल सिंह भदौरिया पढ़ाई लिखाई में बेहद होनहार था। तीन बार यूपीएससी की प्राथमिक परीक्षा में सफल होकर मुख्य परीक्षा तक पहुंचा लेकिन जब किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह अधिकारी नहीं बन पाया तो उसने अधिकारी का रूतबा जीने के लिए फर्जी अधिकारी बनकर अपराध की तरफ रूख कर लिया। 2013 में आई अक्षय कुमार की फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर खुद सीबीआई का फर्जी एएसपी बना और अपने साथ 5 अन्य लोगों की टीम बनाई। यह टीम जिले के नौगांव में एक दबिश देेकर दो लाख रूपए लूटने में कामयाब भी हो गई लेकिन टीम ने कुछ गलतियां कीं जिसके कारण ये सारे फर्जी अधिकारी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। एसपी सचिन शर्मा ने रविवार को इस अंतरराज्यीय गिरोह की गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए मामले का भण्डाफोड़ किया।

नौगांव में स्थित जैकपिन बैबरिज डिसलरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को इस फर्जी टीम ने अपना निशाना बनाया था। पुलिस के मुताबिक इस अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टर माइंड सिद्धपाल सिंह भदौरिया पिता धर्मपाल सिंह भदौरिया उम्र 42 वर्ष के द्वारा अपने साथियों धर्मेन्द्र बाल्मीक निवासी बुलंदशहर उप्र, देवेन्द्र जुलाहा साउथ दिल्ली, अविनाश मौर्या साउथ दिल्ली, बुद्धराम गुर्जर जौनापुर नई दिल्ली, देवेन्द्र सिंह पायक मऊरानीपुर के द्वारा दिनांक 6 अगस्त को नौगांव की इस शराब फैक्ट्री पर दबिश दी गई थी। आरोपियों ने खुद को सीबीआई का लखनऊ ब्रांच से आया अधिकारी बताया। एक व्यक्ति ने खुद को एएसपी बताया जबकि दो सब इंस्पेक्टर एवं तीन व्यक्ति खुद को आरक्षक स्तर के सीबीआई में अधिकारी बता रहे थे। इन फर्जी अधिकारियों ने फैक्ट्री के संचालक निखिल बंसल एवं मैनेजर राजीव मित्तल को बताया कि वे सभी लखनऊ सीबीआई ब्रांच से आए हैं। 2020 में अलीगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में जांच कर रहे हैं। आरोपियों ने फैक्ट्री पर पड़ताल शुरू कर दी। गार्ड आदि को एक लाइन में खड़ा कर दिया। एक फर्जी अधिकारी जो पुलिस की वर्दी पहनकर पिस्टल लगाए हुए था उसने कहा कि आप सभी को लखनऊ चलना पड़ेगा। जब फैक्ट्री मालिक ने पूछा कि उसकी शराब यूपी जाती ही नहीं तो जांच कैसी? इस पर फर्जी अधिकारी उसे धमकाने लगे। एक आरोपी ने कहा कि बहस करने से अच्छा है मामला रफादफा कर लो। जब मालिक रफादफा करने के लिए तैयार नहीं हुआ तो इन लोगों ने सीने पर पिस्टल रखकर उसकी तिजोरी में रखे दो लाख रूपए लूट लिए।  वारदात को अंजाम  देने के बाद यह सभी लोग फरार हो गए थे। इनमें से कुछ लोगों का लिंक नौगांव से जुड़ रहा था।

इस मामले में सभी फर्जी अधिकारी न सिर्फ फैक्ट्री से दो लाख रूपए लेकर गए थे बल्कि यहां लगे सीसीटीव्ही कैमरे का डीवीआर लेकर भी फरार हुए थे। जब फैक्ट्री मालिक ने नौगांव थाना पुलिस को लिखित आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस हरकत में आयी। थाना प्रभारी संजय बेदिया ने मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी। इस मामले के तार खंगाले गए तो पता चला कि कुछ लोग नौगांव के ही एक मकान में किराए से रह रहे थे जो कुछ रोज पहले फैक्ट्री पर रैकी करने गए थे। इसी एक लिंक के सहारे पुलिस ने धरपकड़ शुरू की तो आरोपी सिद्धपाल भदौरिया पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मुख्य आरोपी के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने एक-एक कर सभी आरोपियों को पकड़ लिया। इन आरोपियों के पास से पुलिस को सफारी और ब्रेजा दो गाडिय़ां, तीन पुलिस यूनिफार्म, दो पिस्टल, 10 राउण्ड कारतूस, सीबीआई के फर्जी आईकार्ड, लूटा गया डीवीआर एवं दो लाख रूपए की नगदी बरामद कर ली है। उक्त आरोपियों पर पुलिस ने 395, 419, 420, 170 आईपीसी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। पकड़े गए आरोपियों  को न्यायालय में पेश किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा का कहना है कि सभी आरोपियों को न्यायालय से रिमाण्ड पर लिया जाएगा ताकि इस गिरोह के बारे में और पड़ताल की जा सके। इस कार्यवाही में नौगांव एसडीओपी केके जैन, कोतवाली टीआई अरविंद दांगी, नौगांव टीआई संजय  बेदिया, सब इंस्पेक्टर शैलेन्द्र यादव सहित एक दर्जन पुलिसकर्मियों की टीम ने प्रयास किए।

सीबीआई अधिकारी बनकर लूट को अंजाम देने वाले इन शातिर बदमाशों का हौसला हद दर्जे का था। सिद्धपाल भदौरिया ने गिरफ्तार होने के कई घंटे बाद खुद को न सिर्फ सीबीआई का एएसपी बताया  बल्कि नौगांव टीआई संजय वेदिया को फटकार भी लगाता रहा पुलिस के अफसर इनकी आवभगत करते रहे, एसडीओपी ने स्वयं बताया कि इनके लिए चाय-नासते का भी प्रबंध किया गया। इतना ही नहीं इसने एसपी सचिन शर्मा को फोन करते हुए यह भी कहा कि आप गलती कर रहे हैं। मैं खुफिया एजेंसी से जुड़ा अधिकारी हूं एक विशेष मिशन पर काम कर रहा हूं। टीम को असली दिखाने के लिए ये लोग दो चार पहिया वाहनों, पिस्टल, वर्दी, आईकार्ड का भी इस्तेमाल कर रहे थे। पकड़े जाने के काफी देर बाद जब इनसे सख्त पूछताछ हुई तब इन्होंने सच्चाई उगली।

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