लेखक की कलम से

नारी का सम्मान …

 

सबसे यह आह्वान करो तुम,

आवश्यक अभियान करो तुम।

संस्कारित भारत होगा जब,

नारी का सम्मान करो तुम।।

 

ममता माँ की खूब निराली,

बहन-बुआ संग हो खुशहाली।

पावन कन्यादान करो तुम,

नारी का सम्मान करो तुम।।….. सबसे……तुम।।

 

शक्ति-प्रेम की जीवित प्रतिमा,

अतुलित है नारी की गरिमा।

नवदुर्गा गुणगान करो तुम,

नारी का सम्मान करो तुम।।….. सबसे……तुम।।

 

घर आँगन या कोई धरती,

व्यवस्थापिका कोई न उससी।

हर पल उसका ध्यान धरो तुम,

नारी का सम्मान करो तुम।।….. सबसे……तुम।।

 

नाम देश-परदेश में उज्जवल,

विजयी हों नदियों सी अविरल।

चाहे सौ प्रतिमान धरो तुम,

नारी का सम्मान करो तुम।।….. सबसे……तुम।।

 

ना तोड़ो उसका विश्वास,

भरो जोश ना करो निराश।

सबला पर अभिमान करो तुम,

नारी का सम्मान करो तुम।।….. सबसे……तुम।।

 

 

©पद्म प्रकाश नापित, बुढ़ार, शहडोल

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