लेखक की कलम से
समय के साथ धर्म भी बदल गई…
निक्ला कर्न जब सभि में तब संस्कृति बदल गई
इतिहास के पन्ने सारे लेख बदल गए।।
ज्ञान- ध्यान, धर्म विधि विधान शास्त्र बदल गई
प्राचीन से जो हासिल हुवा ज्ञान संस्कार
अलग नगर में राधा कृष्ण तन से नग्न हो गए।।
झलक रहा है जो साफ है अंदर से कंकड़ हो गई
खुद से देखा बदल रही है पीढ़ी ऐसी विदेशियों से
तभी तो साफ सोच और सभ्यता ही खो गए।।
राधा कृष्ण प्रेम के पक्षधर है,इनको भी नग्नता कलाकृति दिखाई गई
मानवता की विभूति उन विदेशियों को मिल गई
अब तो सनातन धर्म में सम्पट भी शामिल हो गए।।
सनातन नी कफन ओढाई, नग्न कर के किला नहीं
सम्पट सामिल हुए सनातन में, पथभ्रष्ट हो गई
हिन्दूत्व की संस्कृति और सभ्यता की आलोचना की गई।।
सामाजिक भवनाओं कोई मोल राहा नहीं
बेजुबान हो गए सारे, जैसे बिना मनी के साँप जैसे
वेद, पुराण ,विधि विधान की अस्तित्व ही खो गई।।
-अस्मिता पटेल, बिरगंज नेपाल