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हमारी तो संस्कृति में बसे हैं राम : भूपेश बघेल

रायपुर। लखीमपुर खीरी से लौटकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चंदखुरी जाने की तैयारी में जुट गए। इससे पहले अपने निवास में पत्रकारों से चर्चा करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि-कुछ लोगों के लिए राम केवल वोट हैं। हमारी तो संस्कृति में राम बसे है। मुख्यमंत्री थोड़ी देर बाद चंदखुरी के प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यों का लोकार्पण करेंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा, सब राम को अलग अलग रूप में देखते हैं। कुछ लोगों के लिए राम केवल वोट हैं। उनके सहारे कई लोग वैतरणी पार करना चाहते हैं। हम लोग राम को भांचा राम, वनवासी राम, गांधी के राम, कबीर के राम, तुलसी के राम और शबरी के राम के रूप में देखते हैं। हम गांधी के अनुयायी हैं जिनके मुंह से मरते समय भी राम का ही नाम निकला था। मुख्यमंत्री ने कहा, भगवान राम की माता कौशल्या इसी धरती की बेटी हैं। इस वजह से भगवान राम के व्यक्तित्व में छत्तीसगढ़ का भी योगदान रहा है। शायद यहीं के संस्कारों और संस्कृति ने उन्हें मर्यादा का आदर्श स्थापित करने में मदद की। राम हमारी संस्कृति में रचे-बसे हैं। हमारे यहां तो हर भांजा राम का रूप है। भांजा उम्र में कितना भी छोटा हो यहां उसका पांव छूकर आशीर्वाद लेने की परंपरा है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, भाजपा ने 15 साल के शासन में इस संस्कृति के संरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। राम वन गमन पथ और माता कौशल्या के मंदिर के लिए कुछ नहीं किया। उनकी सरकार इन स्थानों को संवारकर देश-विदेश में नई पहचान देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, थोड़ी देर में जीर्णोद्धार का लोकार्पण होगा। तीन दिन का समारोह रखा है। सभी विधायक और मंत्रिमंडल के सदस्य वहां जा रहे हैं।

 

तय कार्यक्रम के मुताबिक शाम 6 बजे तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल माता कौशल्या मंदिर परिसर पहुंचकर जीर्णोद्धार कार्यों का लोकार्पण करेंगे। उसके बाद वे मंदिर में विधि विधान से माता कौशल्या और भांजे राम की पूजा करेंगे। मंदिर से निकलकर मुख्यमंत्री उस स्थान पर जाएंगे जहां भगवान राम की एक 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। मुख्यमंत्री प्रतिमा का अनावरण कर पूजा करेंगे।

 

मंदिर के जीर्णोद्धार समारोह का मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम चंदखुरी स्थित राज्य पुलिस अकादमी के मैदान में होना है। लोक गायक राजेंद्र साहू से शुरू कर आयोजन में मशहूर संगीतकार-गायक शंकर महादेवन की प्रस्तुतियों तक जाएगा। इस बीच कबीर गायक भारती बंधु, कविता वासनिक, मानस मंडली नंद कुमार साहू, मशहूर बैंड कबीर कैफे, इंडियन ओसियन की प्रस्तुतियां होंगी। कार्यक्रम का समापन नृत्य समूह अनबीटेबल की भगवान राम पर केंद्रित नृत्य प्रस्तुति से होगा।

 

रायपुर से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंदखुरी चंद्रवंशी राजाओं की राजधानी रही है। यह भगवान राम की माता कौशल्या जन्मस्थली है। चंदखुरी126 तालाबों को लिए अपनी विशेष पहचान रखती है। गांव में जलसेन तालाब के बीच माता कौशल्या का प्राचीन मंदिर है। इसे दुनियाभर में माता कौशल्या का इकलौता मंदिर माना जाता है। मंदिर में रामलला की माता कौशल्या की गोद में विराजमान प्रतिमा है। सरकार ने माता कौशल्या मंदिर एवं परिसर का 15 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार कराया है।

 

सरकार ने विभिन्न सांस्कृतिक, साहित्यिक और लोक स्रोतों के आधार पर भगवान राम के वनवास से जुड़े 75 स्थानों को चिन्हित किया है। इसे ही राम वन गमन पथ पर्यटन परिपथ के तौर पर विकसित किया जाना है। योजना के पहले चरण में कोरिया से सुकमा तक 9 स्थलों को विकसित करने की योजना है। इसमें सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण-खरौद (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), रामाराम (सुकमा) का विकास किया जा रहा है।

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