लेखक की कलम से

झांसी की रानी …

वीरता की निशानी झांसी की रानी

अदभुत शौर्य से भरी जिसकी कहानी

 

जब जब उठी तलवार पसीने उनके छूटे

एक ही ललकार में अंग्रेजो के सपने टूटे

 

खूब लड़ी मर्दानी वो वीर थी नारी

अकेले ही अंग्रेजो पर सौ की तरह भारी

 

टिक न सका कोई दुश्मन जब गरजी रानी

अदभुत कला की निपुण कोई नही सानी…

 

©अर्पणा दुबे, अनूपपुर                  

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