नई दिल्ली

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू रह गए सिर्फ नाम के, रैली में छलका दर्द, कहा- नियुक्तियां तक नहीं कर पा रहा ….

नई दिल्ली । अलग-अलग विधानसभा चुनाव समितियों में सिद्धू की अनदेखी के बाद अब पार्टी आलाकमान ने 22 जिला संयोजकों की सूची जारी की है। कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू की अधिकतर मांगों को स्वीकार कर के पंजाब इकाई में छिड़े घमासान को शांत कर दिया लेकिन ऐसा लगता है कि इसके साथ ही सिद्धू की ताकत भी कम कर दी गई है। दरअसल, खुद सिद्धू के बयानों से ही यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस हाई कमान ने उनके पर कतर दिए हैं। शनिवार को बाबा बकाला में एक रैली को संबोधित करते हुए सिद्धू ने यहां तक कह दिया कि वह एक ‘शक्तिहीन’ अध्यक्ष हैं। सिद्धू ने पंजाब सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधते हुए यह कहा था, ‘मैं सिर्फ अध्यक्ष हूं। मैं महासचिवों तक की नियुक्ति नहीं कर पा रहा हूं।’

सिद्धू का यह बयान कांग्रेस हाई कमान की तरफ से 22 जिला संयोजकों की उस सूची को खारिज करने के बाद आई है, जिसे पंजाब अध्यक्ष ने ही तैयार किया था। इस सूची में सिद्धू ने उन नेताओं के नाम हटा दिए थे, जिन्हें पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने नियुक्त किया था।

पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने बीते मंगलवार को ही जिला संयोजकों की सूची जारी करते हुए, उन्हें तत्काल प्रभाव से काम में जुटने को कहा था। इन संयोजकों को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के साथ भी तालमेल मिलाते हुए काम करने को कहा गया है।

बता दें कि सिद्धू ने जिस तरीके से सुनील जाखड़ की ओर से नियुक्त किए गए जिलाध्यक्षों को हटाया था, उससे जाखड़ नाखुश थे और उन्होंने यह मुद्दा राहुल गांधी के सामने भी उठाया था। खबरों की माने तो जाखड़ ने राहुल गांधी को सूचित किया था कि सिद्धू के मनमाने फैसले से पार्टी नेताओं के बीच नाराजगी है।

इस बीच पंजाब कांग्रेस की कलह फिलहाल और बढ़ती हुई दिख रही है। विधानसभा चुनावों से पहले सुल्तानपुर लोढ़ी और कादियां सीट पर उम्मीदवार को लेकर पहले ही अलग-अलग धड़े बंट गए हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को सुल्तानपुर लोढ़ी सीट पर विधायक नवतेज सिंह चीमा की उम्मीदवारी का समर्थन किया, जबकि इस सीट से कैबिनेट मंत्री और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर के करीबी माने जाने वाले राणा गुरजीत सिंह चुनाव लड़ना चाहते हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कादियां सीट पर भी विधायक फतह जंग बाजवा की उम्मीदवारी का समर्थन किया जबकि यहां से पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा चुनाव लड़ना चाहते हैं।

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