रायपुर

दो भाइयों के बीच संपत्ति विवाद को दिया गया सामाजिक ताने-बाने का रूप

नाना अंगिया लक्ष्मीनारायण सनातन समाज रायपुर का मामला

रायपुर। पुरानी कहावत है जंग जोरू और जमीन में सब जायज है, बस यह कहावत नाना अंगिया लक्ष्मीनारायण समाज, रायपुर पर फीट बैठता है। विश्वस्त सूत्रों कि माने तो नाना अंगिया लक्ष्मीनारायण सनातन समाज, रायपुर, जो कि रायपुर पाटीदार समाज के एक घटक के रूप में कार्यरत है, के सदस्य एवं भनपुरी में निवासरत दो भाईयों के बीच 13 अप्रेल 2015 को आपसी सहमति, प्रेम-भाव तथा सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में किये गये फैसले को नाना अंगिया लक्ष्मीनारायण सनातन समाज, रायपुर के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों के द्वारा, ढेड़ वर्ष बाद बडे भाई से व्यक्तिगत द्वेशवश के कारण, छोटे भाई को पहले गुमराह किया गया और फिर झूठे प्रलोभन देकर छोटे भाई से आपसी सहमति से किए गए संपत्ति के बंटवारे को लेकर एक अधिकार पत्र लिखकर उस पर हस्ताक्षर लिए गए और उसको माध्यम बनाकर छोटे भाई को कुछ लाख रुपए बड़े भाई से दिलवाने की लालच देकर दोनों भाईयों के बीच फूट डालकर झगड़ा उत्पन्न किया गया। पूर्व में किए गए फैसले को अमान्य करने के उद्देश्य से सामाजिक स्तर पर बडे भाई को एक नोटिस जारी किया गया और उनको भी दोनों भाईयों के मध्य  आपसी सहमति से  किए गए संपत्ति को विवादित संपत्ति बताते हुए एक अधिकार पत्र देने के लिए बाध्य किया जाने लगा। जिनका बड़े भाई के द्वारा विरोध किए जाने पर उनको ऐसे समय पर सामाजिक स्तर पर परेशान किया गया जब उनके घर पर उनके बेटे एवं बेटी की शादी होने वाली थी।

बड़े भाई के द्वारा सामाजिक स्तर पर किए गए प्रस्ताव को अस्वीकार करने पर तथाकथित पदाधिकारियों के द्वारा एक उच्च स्तरीय कमिटी के साथ साथ एक पंच का गठन किया गया। वह भी बड़े भाई की इच्छा एवं सहमति के विरुद्ध और दो दिन के अंदर ही सामाजिक स्तर पर एक नया फैसला लिया गया और लिए गए फैसले को मानने के लिए बड़े भाई को सामाजिक स्तर पर बाध्य किया जाने लगा और नाना प्रकार के हथकंडे अपना कर बड़े भाई को आज भी पररेशान  किया जा रहा है।

समयांतर में बड़े भाई के द्वारा समाज के प्रचलित नियमानुसार नये फैसले को एकतरफा बताकर विरोध करने पर समाज के प्रमुख एवं महामंत्री के द्वारा उनका 10 नवंबर 2018 को सामाजिक बहिष्कार भी कर दिया गया है। बड़े भाई के द्वारा इस प्रकरण को लेकर नाना अंगिया लक्ष्मीनारायण सनातन समाज की मुख्य शाखा, जो कि नाना अंगिया कच्छ गुजरात में स्थित है, के साथ साथ इनके अन्य झोनों में स्थित शाखाओं (कोलकाता, गुजरात, महाराष्ट्र) में भी न्याय के लिए गुहार लगाई लगाई गई है किन्तु आज पर्यन्त कुछ भी सुनवाई नहीं हुई है। इसके विपरित नाना अंगिया लक्ष्मीनारायण सनातन समाज, रायपुर के महामंत्री के द्वारा बड़े भाई के विरुद्ध सामाजिक स्तर पर सिविल कोर्ट, रायपुर में एक मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है, जो कि लंबित है।

छोटे भाई के द्वारा समाज के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में बडे भाई की जायज़ सम्पति को अपनी बताकर तहसीलदार, रायपुर की कोर्ट में एक झूठा प्रकरण भी सम्पति को अपने नाम पर अंकित करने हेतु दायर किया गया था और उसमें छोटे भाई के विरुद्ध फैसला आने के बावजूद भी समाज के तथाकथित पदाधिकारियों के दबाव के कारण बडे भाई के प्लाट को छोटे भाई के द्वारा खाली नहीं किया जा रहा है। जिस पर बड़े भाई की सम्पूर्ण आजीविका टिकी हुई है और इस तरह बड़े भाई के आजिविका के साधन को भी पिछले चार साल से छीन लिया गया है। आज स्थिति यह है कि बड़ा भाई एवं उनका परिवार मानसिक तनाव में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं।

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