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पालतू जानवरों को भी हो सकता है कोरोना, यह जानवर हुए थे संक्रमित…

न्यूयार्क। पालतू तथा अन्य जानवर भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं,हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि उनसे लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बेहद कम है। कुत्ते, बिल्ली, फेरेट्स, खरगोश, ऊदबिलाव, लकड़बग्घा और सफेद पूंछ वाले हिरण उन जानवरों में शामिल हैं, जो आमतौर पर संक्रमितों के सम्पर्क में आने के बाद संक्रमित पाए गए।

अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) ने कहा है कि आपको पालतू जानवरों से संक्रमित होने का डर नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें आपसे संक्रमित होने का डर है। संक्रमित लोगों या जिन्हें संक्रमित होने का संदेह भी हो, उन्हें अपने पालतू जानवरों, खेती से जुड़े जानवरों तथा वन्यजीवों से दूर रहना चाहिए।

ओंटारियो पशु चिकित्सा कॉलेज के डॉ. स्कॉट वीज ने कहा, ‘‘अगर आप किसी अन्य व्यक्ति के पास नहीं जाते क्योंकि आप बीमार हैं या आप संक्रमित हो सकते हैं, तो किसी जानवर के पास भी न जाएं। सीडीसी के अनुसार, सभी जानवरों में संक्रमित होने और गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं है, दुर्लभ ही ऐसा होता है। जानवरों में लक्षण भी मामूली ही दिखते हैं।

अमेरिका में और अन्य जगहों के कुछ चिड़ियाघरों ने शेरों और अन्य जानवरों का टीकाकरण किया है, जिनके बारे में माना जाता है कि उनके संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आने से वायरस की चपेट में आने का खतरा है।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बृहस्पतिवार को दुनिया से अपील की कि वह 40 प्रतिशत वैश्विक आबादी का साल के अंत तक टीकाकरण कराने के लक्षय को पूरा करने के लिए ‘‘ठोस’’ कदम उठाए। गुतारेस ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के बढ़ते प्रकोप के बीच एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, ‘‘टीकाकरण में असमानता से कोरोना वायरस के नए स्वरूपों को फैलने में मदद मिल रही है।’’

गुतारेस इन दिनों अपने घर से काम कर रहे हैं, क्योंकि पिछले सप्ताह वह एक संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आ गए थे। गुतारेस की जांच में उनके संक्रमित ना होने की पुष्टि हुई है, लेकिन वह एहतियाती तौर पर इस सप्ताह के अंत तक पृथक-वास में रहेंगे। गुतारेस ने कहा, ‘‘ टीकों की जमाखोरी की रणनीति, टीकों को राष्ट्रवाद का मुद्दा बनाना या इसे कूटनीतिक विषय बनाने की रणनीति विफल हो गई है। यह नया स्वरूप, इस विफलता को दर्शाता है।’’

वैज्ञानिक लंबे समय से इस बात को लेकर आगाह कर रहे हैं कि टीकाकरण में असमानता से वायरस के नए स्वरूपों को उभरने का मौका मिलेगा, क्योंकि संक्रमण के अधिक फैलने से वायरस को उत्परिवर्तित होने के अधिक अवसर मिलते हैं। कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के बारे में अभी तक अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि यह अन्य स्वरूपों से अधिक तेजी से फैल रहा है।

गुतारेस ने कहा कि हमारे पास सिर्फ दो सप्ताह का समय है, 98 देश अब भी डब्ल्यूएचओ के 40 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए हैं। वहीं, 40 देशों में सिर्फ 10 प्रतिशत आबादी का ही टीकाकरण हो पाया है। वह बोले कि साल के अंत तक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, ‘‘ सभी देशों, खासकर जिनके पास क्षमता है, उन्हें आने वाले दिनों में अधिक से अधिक प्रगति के लिए ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अगले लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए ‘‘अधिक महत्वाकांक्षी बनें।’’ डब्ल्यूएचओ ने अगले साल के मध्य तक दुनिया की 70 प्रतिशत आबादी का कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है।

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