मध्य प्रदेश

पाथ इंडिया कंपनी ने किया करोड़ों का अवैध खनन, एनजीटी पहुंचा मामला

एनजीटी ने कलेक्टर और पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड से 6 सप्ताह में मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट

शाहरुख बाबा, हरदा। जिले में फोरलेन बना रही पाथ इंडिया कंपनी ने रहटगांव तहसील के अंधेरीखेड़ा में आदिवासियों की जमीन को समतल करने के नाम पर 50 से 70 फीट गहराई तक खुदाई कर मिटटी निकालकर खाई बना डाली। एडीएम कोर्ट ने कंपनी पर 51 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया। अब मामला एनजीटी पहुंच गया है। जिसने कलेक्टर व पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है। इस मामले को पत्रिका को प्रमुखता से लगातार प्रकाशित किया।

एडवोकेट अनिल जाट ने बताया कि बीते कई माह से हरदा जिले के टिमरनी तहसील के ग्राम भादूगांव, टेमागांव, अंधेरीखेड़ा में पाथ इंडिया कंपनी तथा अन्य लोगों ने मिटटी की हजारों डंपर अवैध खुदाई कर पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया। प्रशासनिक और खनिज अफसरों की सांठगांठ से खेती की निजी जमीन इसके अलावा सरकारी भूमि,जंगल और गंजाल नदी में बेजा अवैध खनन किया। कंपनी की मनमानी के विरोध में ग्रामीणों ने करीब45 दिन बेमियादी धरना दिया। लेेकिन आर्थिक लेनदेन के कारण अफसरों ने अवैध खनन करने वाले कंपनी के लोगों पर ठोस कार्रवाई नहीं की। जाट ने बताया कि प्रशासन ने मामला रफा दफा करने की मंशा से 51 करोड़ के जुर्माने का नोटिस देकर इतिश्री कर ली। फिर मामले में लीपापोती शुरु हो गई। इससे दुखी टेमागांव के किसान राजेश यादव, प्रेम नारायण किरार और सुखराम आदि ने एडवोकेट उर्वशी मिश्रा व आयुष गुप्ता के माध्यम से एनजीटी में केस लगाया।

इन्हें बनाया गया पार्टी

ग्रामीणों द्वारा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी भोपाल) में लगाए केस में नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया, हरदा कलेक्टर, पाथ इंडिया कंपनी, पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड, खनिज विभाग, पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन के विरुद्ध याचिका क्रमांक 28/2023 पेश की गई। इसमें ग्रामीणों ने गांव में हुए मिटटी,बजरी के अवैध खनन के फोटो वीडियो और अखबार की खबरों को भी अपने प्रकरण के समर्थन में लगाया है। जाट ने बताया कि इस मामले में 21 अप्रैल को सुनवाई करते हुए प्रथम दृष्टया मामले को सही पाया। साथ ही एनजीटी ने सभी अनावेदकगणों को नोटिस जारी करते हुए एक समिति गठित की है। इसमें हरदा कलेक्टर और पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड के सदस्य शामिल किया गया है।

6 सप्ताह में देना है रिपोर्ट

समिति को इस मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट 6 सप्ताह में एनजीटी को देना है। साथ ही 6 सप्ताह के भीतर ही अपना जबाव प्राधिकरण के सामने पेश करना होगा। इस मामले में प्राधिकरण के सामने अगली 12 जुलाई को होगी।

यह है मामला

24 फरवरी 2023 को एडीएम कोर्ट से जारी नोटिस में एसडीओ (राजस्व) टिमरनी के माध्यम से रहटगांव के तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन के आधार का हवाला दिया। इसमें कहा कि पाथ इंडिया कंपनी ग्राम भादूगांव (अंधेरीखेडा) तहसील रहटगांव ने 19 विभिन्न खसरों में बिना अनुमति के 3,44,509.68 घनमीटर मुरूम / मिट्टी का खनन किया है। कोर्ट ने कहा कि एसडीओ व तहसीलदार द्वारा बताई अवैध खनन की मात्रा 3,44,509.68 घनमीटर का मूल्यांकन खनिज विभाग से कराया। इस आधार पर करीब 51 करोड़ का जुर्माना अधिरोपित किया गया।

नर्मदा को बचाने जाएंगे एनजीटी

अधिवक्ता अनिल जाट ने बताया कि भादूगांव पंचायत के अंधेरीखेड़ा गांव के विभिन्न 19 खसरों में मिटटी व मुरम का अवैध खनन पर खाई बना दी गई है। इसी प्रकार मां नर्मदा नदी को भी पोकलेन, जेसीबी जैसी मशीनों से खोदा जा रहा हैं। नर्मदा नदी के बीचोंबीच से मशीनों के जरिए रेत निकाली जा रही है। पर्यावरण के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एनजीटी से जारी दिशा निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इसके खिलाफ भी एनजीटी में जल्द ही केस लगाएंगे।

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