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ओवैसी ने बिहार की 11 सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारने की घोषणा की

पटना

लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान से पहले ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा ऐलान किया है. ओवैसी ने बिहार की 11 सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है. AIMIM बिहार की किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, काराकाट, बक्सर, गया, मुजफरपुर और उजियारपुर सीट से अपने प्रत्याशी उतारेगी.

असदुद्दीन ओवैसी ने पहले ही बिहार में अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारने के संकेत दे दिए थे. हालांकि, तब उन्होंने सिर्फ बिहार की किशनगंज सीट पर ही कैंडिडेंट उतारने की बात कंफर्म की थी. दरअसल, बिहार के किशनगंज में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता मोहम्मद जावेद ने बाजी मारी थी. इतना ही नहीं, 2019 में बिहार में कांग्रेस सिर्फ इसी सीट पर चुनाव जीती थी.

AIMIM की बिहार में एंट्री, 7 सीटों पर बिगाड़ेंगे सबका खेल!

असदुद्दीन ओवैसी ने ऐलान किया है कि लोकसभा चुनाव में AIMIM यूपी 7 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बिहार में भी पार्टी के 7 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की संभावना है.

AIMIM ने बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था और 5 सीट हासिल की थीं. हालांकि, बाद में पार्टी के 4 विधायक आरजेडी में चले गए थे. जानकारी के मुताबिक ओवैसी लोकसभा चुनाव में पहली बार सीमांचल और कोसी की सातों सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं. ओवैसी के इस कदम से कई राजनेताओं की टेंशन बढ़ गई है. उन्हें डर है कि कहीं ओवैसी के उम्मीदवार अल्पसंख्यक समाज का वोट न काट दें.

सीमांचल में बड़ी तादाद में अल्पसंख्यक
कोसी और सीमांचल में 36.86 प्रतिशत वोट अल्पसंख्यकों के हैं. ऐसे में अगर मुसलमानों के वोट में सेंधमारी होती है तो यहां एक नया चुनावी समीकरण देखने को मिल सकता है. फिलहाल जेडीयू के एनडीए में वापस आने से यहां के समीकरण लगभग 2019 की तरह ही बनते दिखाई दे रहे हैं.

पूर्णिया से लड़ना चाहते हैं पप्पू यादव
दूसरी तरफ कांग्रेस और आरजेडी की पूरी कोशिश है कि अल्पसंख्यक वोट को बंटने न दिया जाए. इसके अलावा जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव भी सीमांचल में पूर्णिया सीट से लड़ने का मन बन चुके हैं. यहां उनकी अच्छी पकड़ है. 2019 लोकसभा चुनाव में AIMIM ने किशनगंज सीट अख्तरुल ईमान को मैदान में उतारा था. उन्होंने चुनाव में तीन लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे और तीसरे नंबर पर रहे. वहीं, इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी.

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