लेखक की कलम से

हमारे हीरो …

 

है हमारे हीरो जो सरहद की रक्षा करते हैं,

है फौलादी जिगर उन वीरों का,

कुर्बानी देकर जान की हमारी वो रक्षा करते हैं,

चाहे सियाचिन की हो ठंड या हो रेगिस्तानी लू,

हमारे लिए हर पल वो जीते- मरते हैं,

जिंदगी मिलती है सबको एक ही बार,

देश की खातिर खुद को न्योछावर वो करते हैं,

शत-शत नमन है उन हीरो वीरों को,

उन वीरों को देश ही नहीं रव भी सलाम करता है,

है मां भारती पुकार रही सुनो मेरे लाल,

कुछ तो सीखो अपने हीरो भाईयों से,

हर कतरा कुर्बानी देकर तेरी ही रक्षा करते हैं,

फिर क्यों नहीं उनकी कुर्बानियों की कदर करते हो,

नहीं कहती मैं तुम जाओ सीमा पर,

कर सकते हो मां की सेवा

राहों पर अपनी चलते- चलते,

हर बुराई से नाता तुम तोड़ डालो,

सच की राहों पर तुम हमेशा चलते रहो,

ड्रग बाजार हो या हो जालसाजी,

सब माफियाओं से तुम दूरी अपनी बनाओ,

गलत चीजों से तुम अपनी आंखें मोरो,

हर गलत चीजों में ही आतंकियों का वास है,

सभी धर्म के भाईयों को तुम अपना मानो,

मर्जी जिसकी है जिस धर्म में रहे,

मत फंसो तुम उलट-पुलट के खेल में,

व्यर्थ के भ्रम जाल में खुद को मत डालो,

हिंदू- मुस्लिम,सिख -ईसाई सभी है मेरे ही बच्चे,

बात मेरी इतनी सी तुम जान जाओ,

अपनी भारत मां के मर्म को तुम पहचानो……….।।

 

©पूनम सिंह, नोएडा, उत्तरप्रदेश                                    

Back to top button