नई दिल्ली

15 अगस्त को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आ रहे पटना, मंत्रीमंडल विस्तार समारोह में शिरकत करेंगे …

पटना। बिहार में नीतीश-तेजस्वी की सरकार बन जाना राजद और लालू परिवार के लिए बड़ी खुशखबरी है। तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम का ताज पहन चुके हैं और बड़े भाई तेजप्रताप यादव जल्द ही मंत्री बनने वाले हैं। 2017 में नीतीश कुमार के अलग होकर बीजेपी के मिल जाने के बाद राजद सत्ता से बेदखल हो गई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में अच्छी सीट हासिल होने के बाद से राजद को इस घड़ी का बेसब्री से इंतजार था।  इस बीच राष्ट्रीय जनता दल परिवार के लिए एक और बड़ी खुशखबरी है।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पटना आ रहे हैं। वे कल यानि 15 अगस्त को पटना पहुंचेंगे। लालू प्रसाद  नीतीश कैबिनेट के विस्तार समारोह में शिरकत करने के लिए पटना आ रहे हैं। 16 अगस्त को सरकार के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार होने वाला है। इसे लेकर महागठबंधन के सभी दलों की ओर से तैयारी चल रही है।

बताया जा रहा है कि बिहार के सत्ता परिवर्तन में लालू यादव की अहम भूमिका है। दिल्ली में रहते हुए लालू यादव ने इसकी जमीन तैयार करने में अहम रोल अदा किया था। उनके प्रयास से नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ आने के लिए राजी हुए। इसलिए सभी दलों की ओर से लालू यादव को शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए आग्रह किया गया था।

लालू प्रसाद फिलहाल दिल्ली में हैं। वे बेटी मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। पिछले दिनों बीमार होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए पटना से दिल्ली एम्स भेज दिया था। राबड़ी आवास में सीढ़ी पर  गिर जाने के कारण लालू यादव की हड्डी टूट गयी थी। कई दिनों तक पटना में इलाज के बाद उन्हें  एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था। एम्स में इलाज से वे जब ठीक हो गए तो छुट्टी दे दी गई। उसके बाद से वे दिल्ली में ही हैं.

नई सरकार बनने से पहले हुए राजनैतिक उठा पटक के बीच राजद के नेता लगातार लालू यादव के संपर्क में थे। पार्टी की हर मीटिंग की गतिविधि और फैसले को लालू दिल्ली से कंट्रोल कर रहे थे। पार्टी नेता उन्हें नीतीश कुमार, बीजेपी या अन्य दलों की गतिविधियों से अवगत करा रहे थे।

उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव भी दिल्ली गए थे। मीसा भारती के आवास पर तेजस्वी ने लालू यादव से मुलाकात कर राज्य की सियासी हलचल से अवगत कराया था। माना जा रहा है कि लालू के हस्तक्षेप से ही बिहार में सीएम और डिप्टी सीएम का मसला आसानी से हल हुआ। राजद के पास 80 सीटें हैं जबकि जदयू के पास 45 सीटें। ऐसे में सीएम पद के लिए राजद और जदयू में विवाद हो सकता था।

Back to top button