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अब 50 करोड़ तक के उद्योग एमएसएमई के दायरे में आएंगे…

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों के लिए निवेश का दायरा सरकार बढ़ाने जा रही है। अभी तक केवल 10 करोड़ के निवेश वाले उद्योग ही इस दायरे में आते थे। अब इसे बढ़ाकर 50 करोड़ किया जा रहा है। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के आसार हैं।

मध्यप्रदेश की एमएसएमई विकास नीति 2019 और मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2019 में संशोधन के प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। अब केन्द्र सरकार द्वारा तय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए नवीन वर्गीकरण को मध्यप्रदेश में भी लागू किया जाएगा। केन्द्र सरकार एमएसएमई के लिए निवेश सीमा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपए कर चुकी है। अब राज्य में भी यही निवेश सीमा लागू की जाएगी। इससे सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योगों में निवेश बढ़ सकेगा। इसके लिए मिलने वाले लाभ अब 50 करोड़ तक का निवेश करने वालों को भी मिल सकेंगे। इससे प्रदेश में नये सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की शुरुआत हो सकेगी इससे प्रदेश के युवाओं को ज्यादा रोजगार भी मिल सकेगा।

कैबिनेट में महाधिवक्ता कार्यालय में सचिव के पद पर सेवानिवृत्त न्यायिक सेवा के न्यायाधीश पंकज गौड़ का एक वर्ष या अन्य व्यवस्था होने तक कार्यकाल बढ़ाये जाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2021, अधिनियम 1991 में संशोधन के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जाएगी। वहीं, सिंगरौली जिले के विकासखंड सिंगरौली में नया आईटीआई खोले जाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा की जाएगी।

भारत ओमान रिफाइनरी बीना के सहयोग से परिसर के निकट एक हजार बिस्तरों के अस्थायी कोविड अस्पताल के निर्माण और संचालन के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा के बाद मंजूरी मिलने के आसार हैं। इस अस्पताल के खुलने से संभावित कोरोना की तीसरी लहर से प्रभावित होने वाले मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सकेगा। इसके अलावा पंचायत एवं ग्रामीण विकास  के रिटायर्ड मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसएल जालोन के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और मझौली जिला सीधी में पदस्थ नायब तहसीलदार सतीश नीरज की विभागीय जांच शुरू करने पर भी विचार किया जाएगा।

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