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कर्नाटक में नए मंत्रियों ने ली शपथ, BJP ने पूर्व सीएम येदियुरप्पा के बेटे की जमकर की उपेक्षा, नहीं दी जगह, डिप्टी सीएम भी नहीं बनाया …

नई दिल्ली । कर्नाटक में आज मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। 29 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली है। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने राजभवन में एक कार्यक्रम में मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहे। शपथ ग्रहण के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सभी नए मंत्रियों को बधाई दी है। इससे पहले बुधवार को राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि उनके नए मंत्रिमंडल में 29 मंत्री शामिल किए जाएंगे। नए मंत्रिमंडल में पूर्व सीएम येदियुरप्पा की जमकर उपेक्षा की गई। राज्य में पार्टी का चेहरा बनकर चुनाव लड़ने व भाजपा को इस मुकाम तक पहुंचाने वाले पूर्व सीएम येदियुरप्पा के बेटे को न तो मंत्रीमंडल में जगह दी गई और ना ही उन्हें डिप्टी सीएम ही बनाया। इससे येदियुरप्पा समर्थकों में खासी नाराजगी है।

पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के छोटे बेटे और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र उन मंत्रियों में शामिल नहीं हैं जो शपथ लेंगे। बोम्मई ने कहा था कि ‘मैंने मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में दिल्ली में आलाकमान के साथ विस्तृत बातचीत की। अंतिम दौर की चर्चा के बाद आज सुबह सूची को अंतिम रूप दिया गया। मैंने सूची राज्यपाल को भेज दी और उनसे बात की।’

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाले पिछले मंत्रिमंडल में तीन उपमुख्यमंत्री थे लेकिन इस बार आलाकमान के निर्देशों के अनुसार कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ‘मंत्रिमंडल में अनुभवी और नए दोनों मंत्री शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में सात मंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से, तीन अनुसूचित जाति के, एक अनुसूचित जनजाति का, सात वोक्कालिगा समुदाय के, आठ लिंगायत समुदाय के, एक रेड्डी समुदाय का और एक महिला भी होंगी।

शपथ लेने वाले विधायकों की सूची के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया है कि राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ उन्होंने और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कई दौर की बातचीत के बाद यह सूची तैयार की गई थी। उन्होंने कहा, ”किसी के दबाव का कोई सवाल ही नहीं है। व्यापक सोच के बाद नामों की सूची तैयार की गयी है। विजयेंद्र को मंत्रिमंडल में शामिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने येदियुरप्पा से बात की और राष्ट्रीय महासचिव तथा पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी अरुण सिंह ने निजी तौर पर विजयेंद्र से बात की थी। उन्होंने कहा, ”मैं बस यह कह सकता हूं कि विजयेंद्र का नाम आज सूची में नहीं है।’

उन्होंने कहा कि जन समर्थक प्रशासन देने और आगामी चुनावों का सामना करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के मार्गदर्शन में मंत्रिमंडल का गठन किया गया है। बोम्मई ने कहा कि नया मंत्रिमंडल लोगों की आवश्यकताओं पर ध्यान देगा, उनका विश्वास हासिल करेगा और सुशासन देगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल गठन के संबंध में कोई भ्रम नहीं था। उन्होंने कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है जिसका मजबूत नेतृत्व है।

कुछ मंत्री पदों को खाली रखे जाने के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार आम तौर पर चरणों में होता। अगर किसी क्षेत्र को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है तो उसे अगले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दी जाएगी। कर्नाटक मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 34 तक हो सकती है। पूर्व मंत्रिमंडल से कुछ नेताओं को हटाए जाने पर बोम्मई ने कहा कि आलाकमान ने पार्टी के संगठनात्मक काम के लिए संगठनात्मक अनुभव वाले कुछ वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त करने का फैसला किया है।

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