लेखक की कलम से
मेरी माँ …
मिश्री की डली
तुलसी सी भली
बनी सिंहनी मेरी माँ
जब जब मुझ पर आँख उठी तो,
दुर्गा रुप धरा मेरी मां
जीवन रथ पर,
मेरे हर पथ पर, बनी सारथी
मेरी माँ…
मेरी माँ
©ऋतु गुप्ता, खुर्जा, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
मिश्री की डली
तुलसी सी भली
बनी सिंहनी मेरी माँ
जब जब मुझ पर आँख उठी तो,
दुर्गा रुप धरा मेरी मां
जीवन रथ पर,
मेरे हर पथ पर, बनी सारथी
मेरी माँ…
मेरी माँ
©ऋतु गुप्ता, खुर्जा, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश