रायपुरछत्तीसगढ़

मोहन मरकाम ने कहा- एक देश और वेक्सीन के 5 दाम स्वीकार नहीं …

आपदा में ₹ 1,11,100 करोड़ के अवसर तलाश रही मोदी सरकार 

रायपुर (गुणनिधि मिश्रा) । 25 अप्रेल 2021। मोदी सरकार की वैक्सीनेशन नीति पर हमला करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि एक वैक्सीन  5 दाम की नीति के प्रति आम लोगों में जबरदस्त नाराजगी है। वैक्सीन के दाम 400 रुपए, 600 रुपए, 1200 रुपए वसूलने से राज्य के खजाने का ही तो होगा नुकसान। मोदी जी क्यों टीका बनाने वाली निजी कंपनियों को फायदा पहुजाने में लगे हैं ?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि करोना महामारी के बीच मोदी सरकार की आपदा में अवसर की तलाश देश को भारी पड़ रही है। मोदी सरकार कीटों वैक्सीनेशन नीति इस बात का जीता जागता सबूत है कि मोदी जी की प्राथमिकता  कारोबार है : महामारी से लड़ना नहीं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है की ऐसी बेतुकी नीति पहली बार बनी जब एक वैक्सीन का दाम केंद्र सरकार के लिए कुछ और राज्य सरकार के लिए कुछ और और निजी अस्पताल के लिए कुछ और है।  इसका मतलब यह है कि मोदी सरकार सीधे-सीधे प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाना चाहती है और इसके लिए उसे जनता के खजाने की लूट भी स्वीकार है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूछा है की देश के लोगों को वैक्सीनेशन के सुरक्षा चक्र के अधिकार से मोदी सरकार क्यों वंचित रखना चाहती है ? देश में टीकाकरण कोई पहली बार नहीं हो रहा है इससे पहले भी देश में अनेकों अनेक बीमारियां आई लेकिन पहले की सरकारों ने कांग्रेस की सरकार ने समय-समय पर उचित निर्णय लेकर देश में फैलने वाली महामारी से देश को बचाया है!

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अहंकार में डूबे हुए सत्ताधीशों को हम यह याद दिलाना चाहते हैं किस तरीके से कांग्रेस की सरकार ने पोलियो के खिलाफ जंग जीती है, अगर उस समय भी अलग-अलग वर्ग के लोगों को पोलियो के वैक्सीन के अलग-अलग रेट होते तो शायद बड़ी माता और पोलियो जैसी बीमारियों के देश से उन्मूलन का काम कभी संभव नहीं हो पाता। मोदी सरकार अपने सत्ता के अहंकार में क्यों यह भूल जाती है कि हम दुनिया में इस देश के युवाओं और इस देश की युवाओं की काबिलियत की वजह से जाने जाते हैं लेकिन उन्हीं 65% आबादी युवावर्ग को नरेंद्र मोदी की सरकार उनके अधिकारों से वंचित रख रही है।

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट के भाषण में कहा था कि 35000 करोड रुपए देश के वैक्सीनेशन के लिए रखे गए हैं लेकिन देश के बजट प्रावधान  को भी मोदी नकारने में लगे हैं। जब केंद्रीय बजट में है 35000 करोड़ का प्रावधान जिससे  233 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो सकता है। 18 वर्ष से नीचे की आयु के बच्चों का वैक्सीनेशन तो होने नहीं जा रहा है। 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का वैक्सीनेशन वर्तमान में जारी है । तो फिर 136 करोड़ के देश की 65% से अधिक आबादी 18 वर्ष से 45 वर्ष की आयु वर्ग की वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी से मोदी सरकार क्यों मुंह चुरा रही है?

स्वतंत्र भारत के इतिहास में अनेक महामारीयों पर नियंत्रण हेतु टीकाकरण पूरे देश में चलाया गया। बड़ी माता पोलियो जैसी बड़ी बड़ी बीमारियों से देश को छुटकारा मिला। जिसका पूरा श्रेय देश की सरकार की जनहितकारी टीकाकरण नीति को ही जाता है। 70 साल में देश की किसी भी सरकार ने कभी टीकाकरण के पैसे नहीं लिए।

एक लाख करोड़ की राशि करोना से लड़ने के लिए बनाए गए पीएम केयर्स फंड के नाम से पी एस यू और निजी कंपनियों के सीएसआर सांसदों की सांसद निधि की राशि ले ली गई और इस राशि का क्या हुआ क्या उपयोग हुआ यह भी बताने के लिए मोदी सरकार तैयार नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 20 लाख करोड़ का करोना पैकेज प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 दिनों तक पत्रकार वार्ताएं करके जारी किया था लेकिन उस 20 लाख करोड़ में आज तक किसको क्या मिला यह समझ में नहीं आया है

केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के हक की 24 हजार करोड़ की जीएसटी और अन्य बकाया राशि पर कुंडली मारकर बैठी हुई है। इस महामारी के समय केंद्र सरकार से यह अपेक्षा है कि वह राज्य सरकार की भरपूर मदद करें । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम में मांग की है कि केंद्र सरकार को कम से कम अपनी देनदारी तो राज्य सरकार को तत्काल देना चाहिए।

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