छत्तीसगढ़पेण्ड्रा-मरवाही

टीटीई की दादागिरी से हुआ विकलांग, नौकरी व मुवावजे की मांग को लेकर सासंद अरुण साव को प्रधानमंत्री व रेल मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

पेंड्रा (अमित रजक)। रेलवे में नौकरी एवं मुआवजा की मांग को लेकर पेंड्रा के ग्राम कुड़कई में रहने वाले इंद्र कुमार कश्यप उर्फ इंदल को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल ने 12 जून को गौरेला दौरे पर आए गुरुकुल स्थित राठौर भवन में बिलासपुर लोकसभा के सांसद अरुण साव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने आए लोगों की बातों को सांसद अरुण साव ने ध्यान से सुना और संवेदनशीलता दिखाते हुए घटना से जुड़ी सभी जानकारी सिलसिलेवार ली तथा उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।

उल्लेखनीय है कि लगभग 2 साल पहले 13 अक्टूबर 2018 को इंद्र कुमार उर्फ इंदल पिता रामा कश्यप निवासी दुबटिया (पेंड्रा) वाले को नौतनवा एक्सप्रेस के एक टीटी ने ट्रेन से धक्का दे दिया था क्योंकि वह पैसेंजर का टिकट रखा था। जिसके बाद उसका पैर काट दिया गया और वह विकलांग हो गया।

घटना के दिन इंद्र कुमार कश्यप को सूचना मिली की उसकी बेटी की तबीयत ठीक नहीं है और वह अपनी मासूम बेटी को देखने सुबह कोतमा से अनूपपुर आया था। वहां से वह लोकल ट्रेन की टिकट लेकर अनूपपुर रेलवे स्टेशन में ट्रेन का इंतजार कर रहा था कि नौतनवा एक्सप्रेस आ गई जिसमें इंद्र कुमार पेंड्रा रोड तक आने के लिए सवार हो गया।

पेंड्रारोड आते समय वेंकट नगर खैरझिटी जैतहरी के आसपास नौतनवा एक्सप्रेस का टीटी टिकट की जांच करते हुए आया और लोकल टिकट धारी इंदल की टिकट जांच करते वे इतना उत्तेजित हुआ कि उसने साधारण दर्जे के टिकट धारी इंदल को ट्रेन से धक्का दे दिया। धक्का देने का बाद वह बुरी तरह घायल हो गया।

इसके बाद गाँववाले की मदद से उसे उठाकर पेंड्रा रोड अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद पेंड्रारोड के डॉक्टर ने उसे अपोलो अस्पताल बिलासपुर रिफर कर दिया था।गंभीर रूप से जख्मी अपोलो अस्पताल में उसका पैर काट दिया गया।इस घटना के बाद इंदल विकलांगता हो गया।

इंदल को घटना के 2 साल बाद भी न्याय नहीं मिला है और न्याय के इंतजार में वह दरबदर भटकने में मजबूर है और तो और उसका होटल का व्यवसाय भी छिन गया। रेलवे के टीटीई के दादागिरी से विकलांग हो गए इंदल कुमार कश्यप को लेकर आज बिलासपुर सांसद अरुण साव से मिलकर नौकरी व मुआवजे की मांग की गई। इस दौरान पीड़ित इंद्र कुमार कश्यप के साथ उनके पिता रामा कश्यप एवं पेंड्रा के समाजसेवी अक्षय नामदेव भी थे।

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