समृद्धि की ओर बढ़ता मरवाही नवनमण्डल..कल दानीकुंडी में जयसिंह अग्रवाल करेंगे करोड़ो रूपये के लोकार्पण व शिलान्यास
मरवाही चारों ओर से वनों से ढका क्षेत्र है।वनों से ढके होने के कारण ही इसे अलग से वमण्डल ही बना दिया गया था।यहाँ प्रचुर मात्रा में वनोपज जैसे सीताफल, महुआ, चार, चिरौंजी, तेन्दुफल, जामुन, भेलवा आदि फल पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त लाख व गोंद जैसे बहुमूल्य उपज भी यहाँ पायी जाती है। इतनी प्रचुर मात्रा में वनोपज होने पर भी अभी तक पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इन वनोपजों के संबन्ध में कुछ खास पहल नहीं की गई न ही कोई उद्योग अथवा केंद्र की स्थापना की गई।
छत्तीसगढ़ सरकार खासकर वन विभाग द्वारा इन वनोपजों के संवर्धन हेतु अनेक प्रकार के उद्योग व केंद्रों की स्थापना की जा रही है। प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा अनुसंशित व वन मंत्री मो अकबर द्वारा स्वीकृत करोड़ो रुपयों के उद्योगों व केंद्रों का कल ही जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा शिलान्यास व लोकार्पण किया जावेगा।
जानकारी के अनुसार कल मरवाही के दानीकुंडी में चूड़ीनिर्माण व लाख प्रसंस्करण केंद्र का शिलान्यास,बांस प्रसंस्करण केंद्र का शिलान्यास,कोल्ड स्टोरज का शिलान्यास,सीताफल व टमाटर प्रसंस्करण केंद्र का लोकार्पण,अगरबत्ती केंद्र का लोकार्पण व गंगनाई डैम में मोटर बोट का का लोकार्पण किया जाना है।
मरवाही अरण्य फल प्रसंकरण केंद्र की स्थापना कर समिति गठन के साथ ही सीताफल,जामुन,चार,महुआ,व तेंदू जैसे अन्य फलों का वैल्यू एडिसन कर फलों के उनके उपयोग जैसे आइसक्रीम ,चॉकलेट ,व अन्य खाद्य व पेय प्रदार्थ के अनुसार इनका संवर्धन किया जाना है।इससे समिति के साथ साथ क्षेत्रीय लोगो को भी रोजगार मिलेगा व ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा मिलने के साथ ही वनों का रख रखाव भी होगा।