मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश ओबीसी कमीशन के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, – भ्रष्टाचार के मामले में हाई कोर्ट ने लोकायक्त को दिए जांच के निर्देश …

भोपाल। मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और बीजेपी के पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, वे कानूनी रूप से उलझ गए हैं। उनके खिलाफ 10 साल पहले पूर्व विधायक किशोर समरीते ने एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने गौरी शंकर बिसेन पर आय से कई गुना ज्यादा संपत्ति जुटाने का आरोप लगाया था।

किशोर समरीते द्वारा याचिका में कहा गया था कि साल 1984 तक गौरी शंकर बिसेन के पास कोई खास संपत्ति नहीं थी। लेकिन, विधायक और मंत्री रहते हुए उन्होंने करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटा ली। याचिका में दस्तावेजों के साथ कहा गया था कि बिसेन ने अपनी बेटी मौसमी के लिए पुणे में 50 लाख रुपयों का फ्लैट खरीदा। बालाघाट कलेक्टर निवास के सामने ढाई करोड़ रुपये की जमीन खरीदी। बालाघाट के पटेरिया कैंपस में अपनी पत्नि के नाम 91 लाख रुपये की जमीन खरीदी, सेनेटरी पाईप बनाने वाली एक फैक्ट्री 90 लाख में खरीदी, कोठारी दाल मिल गर्रा के पास 7 करोड़ रुपये की कृषि भूमि खरीदी और इसके अलावा करोड़ों की बेनामी संपत्ति जुटा ली।

इसी मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला जारी किया। इस फैसले में लोकायुक्त को शिकायतों की जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। यह मामला बीते 10 सालों से हाई कोर्ट में लंबित चल रहा था। इस बीच याचिका के खिलाफ गौरी शंकर बिसेन सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन 2017 में मामला फिर से पुनर्जीवित हो गया। बहरहाल, हाई कोर्ट द्वारा निर्देश देते हुए याचिका का निराकरण किया गया है। बिसेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली और रवीश अग्रवाल ने दलीलें पेश कीं। वकीलों का कहना है कि इस मामले में दो बार जांच हो चुकी है, लेकिन आरोप सिद्ध नहीं हुए।

गौरी शंकर बिसेन बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। वह बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष होने के साथ ही मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं। वह बालाघाट से सातवीं बार विधायक बने हैं। विधायक के अलावा बिसेन दो बार लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। माना जाता है कि अपने विधानसभा क्षेत्र में उनकी पकड़ काफी मजबूत है। कांग्रेस कई बार बीजेपी पर बालाघाट में भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुकी है।

Back to top button