मध्य प्रदेश

लव जिहाद कानून: हर महीने आ रहे पांच मामले, कानून बनने के बाद दर्ज हो रही एफआईआर, हो रही सियासत

भोपाल. मध्य प्रदेश में लव जिहाद कानून कितना कारगर साबित हो रहा है, अब उसके आंकड़े भी सामने आने लगे हैं. एमपी में हर महीने पांच मामले सामने आ रहे हैं. कानून बनने के बाद एफआईआर दर्ज होने लगी है. मध्य प्रदेश में लव जिहाद कानून बनने से पहले इस पर जमकर सियासत हुई. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जब पहले से इसको लेकर कानून बना है तो नए कानून की क्या जरूरत. पुराने कानून में क्यों संशोधन सरकार नहीं कर रही? अब जब कानून मध्य प्रदेश में लागू है और इसके तहत एफआईआर दर्ज की जा रही है तब भी इस पर सियासत जारी है.

नए कानून में कड़े प्रावधान किए गए. इन कानूनी प्रविधान के बावजूद लव जिहाद और जबरिया धर्म परिवर्तन के मामलों की संख्या रुकी नहीं है. लव जिहाद के मार्च 2021 से अब तक 28 प्रकरण दर्ज किए गए हैंं. इस हिसाब से हर महीने प्रदेश में पांच मामले दर्ज किए जा रहे हैं. प्रदेश बीजेपी मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि जनता के लिए जो भी कानून जरूरी है उसे सरकार लेकर आएगी. महिलाओं की सुरक्षा हमारे लिए सबसे पहले है. कांग्रेस सिर्फ राजनीति करती है. उसने सरकार के आने के बाद भी कुछ नहीं किया.

सबसे ज्यादा केस इंदौर में दर्ज किए गए. इन 28 प्रकरण में 37 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से छह आरोपी को जमानत मिली है, जबकि बाकी 31 आरोपी आज भी जेल में हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी को सरकार जिन मुद्दों को लेकर कानून बनाना चाहिए उन पर ध्यान नहीं देती. सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती है. ध्यान भटकाने के लिए जो कानून पहले से बना हुआ था उसे दोबारा नया रूप देकर लागू कर दिया गया. जनता महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है. युवा बेरोजगार हैं. आम आदमी के घर का बजट बिगड़ गया है. इन सब पर कानून बनाकर सरकार को राहत देना चाहिए.

लव जिहाद कानून को लेकर फिर मध्य प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है. कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है, जबकि कांग्रेस से ध्यान भटकाने वाली और वोट बैंक की राजनीति से जोड़कर देख रही है.

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