रायपुर। छत्तीसगढ़ का सिरपुर दुनियाभर में बौद्ध धर्मस्थली के रूप में विख्यात है। यह वही स्थान है जहां महामानव गौतम बुद्ध ने तपस्या की थी और कुछ वर्ष व्यतीत भी किया। इस स्थान को गया के बाद दूसरे स्थान पर माना जाता है। यही वजह है कि बौद्ध धम्म में आस्था रखने वालों सहित इतिहास में गहरी रुचि रखने वाले यहां दुनियाभर से पहुंचते हैं। प्राकृति की गोद में बसे सिरपुर में बौद्ध स्तुप, गंधेश्वर मंदिर, बाजार गुफा को देखा और प्राचीन कला का अद्वतीय कारीगरी देखने को मिलती है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत के कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को गुजरात विधानसभा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी सहित 10 विधायकों और अधिकारी-कर्मचारियों समेत 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सिरपुर भ्रमण किया। सब ने सिरपुर के बौद्ध स्तुप, गंधेश्वर मंदिर, बाजार गुफा को देखा और प्राचीन कला की सराहना की।
गुजरात विधानसभा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी ने आने के बाद कहा हमें बहुत अच्छा लगा। बहुत नजदीक से हमने बौद्ध धर्मस्थली सिरपुर और छत्तीसगढ़ को देखा है। देख कर यह बात समझ आ रही है कि हम इससे पहले से ही जुड़े हुए हैं। यहां पर आकर जानकारी मिली कि प्राचीन गुजरात के कुछ सिक्के भी मिले हैं।
छत्तीसगढ़ और गुजरात पहले से ही आपस में जुड़े हुए हैं। हम श्रेष्ठ भारत की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इससे आपसी संस्कृति और देश प्रेम बढ़ेगा। इस कार्यक्रम के तहत सभी सदस्य 30 अगस्त तक छत्तीसगढ़ राज्य अतिथि के तौर पर रहेंगे। इसी कार्यक्रम के तहत सिरपुर का भी भ्रमण किया गया। उनके साथ एसडीएम महासमुंद भागवत प्रसाद जायसवाल, जनपद सीईओ, शशिकांत कुर्रे एवं कार्यपालन अभियंता लोकनिर्माण एस.आर.सिन्हा मौजूद थे।
मालूम हो कि एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना भारत के राज्यों के लिये किया गया है। जिसके अनुसार प्रत्येक वर्ष एक राज्य द्वारा किसी अन्य राज्य का चिन्हांकन किया जाता है और उस राज्य की भाषा, इतिहास, संस्कृति, ज्ञान विज्ञान आदि को अपनायेगा और उसको पूरे देश के सामने रखेगा। जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। दो अलग-अलग राज्यों के लोगों को एक-दूसरे राज्यों की संस्कृति और सभ्यता को समझने एवं अपनाने का मौका मिलेगा जो, निश्चित रूप से पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि करेगा। जिससे आत्मनिर्भर भारत के सपने को बल मिलेगा।