धर्म

जीवन संबल राम …

धन-यश-गौरव राम का.

जो कुछ है सब राम का.

यहां भला क्या अपना है ?

क्षण भर का यह सपना है.

क्या तेरा? क्या मेरा है ?

बस माया का घेरा है

तू सुख को ही चाह रहा

सुख का प्रतिफल ही दुख है

सत्य नहीं ये मान रहा.

सब सुख-वैभव राम का

विष-रसाल है राम का.

जीवन तेरा बुदबुदा

दुख देता मर्मान्तक है.

खुद को जोड़ो राम नाम से

जीवन तेरा जब तक है

सब हर्षोत्सव राम का

जो कुछ है सब राम का !!

©आशा जोशी, लातूर, महाराष्ट्र             

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