देश

चौकीदार की हत्या के मामले में हुई थी जेल, दुबई में 18 साल सजा काटने के बाद घर लौटे चार मजदूर

हैदराबाद
तेलंगाना के चार श्रमिक परिवारों की उस वक्त खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब, उनके घर के चार लोग दुबई की जेल में 18 साल सजा काटने के बाद घर लौटे। बुधवार को चारों श्रमिक हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब उतरे तो वहां का माहौल काफी भावनात्मक हो गया। राजन्ना सिरसिला जिले के रहने वाले दो श्रमिकों का उनके परिवार के सदस्यों ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया। दुबई से लौटे शिवरात्रि मल्लेश और उनके भाई शिवरात्रि रवि अपने परिजनों को देखकर भावुक हो गए, जबकि डुंडुगुला लक्ष्मण दो महीने पहले स्वदेश लौटे हैं। वहीं, शिवरात्रि हनमंथु दो दिन पहले हैदराबाद वापस मौटे थे। पांचवें व्यक्ति वेंकटेश के अगले महीने जेल से रिहा होने की संभावना है।

चौकीदार की हत्या के मामले में हुई थी जेल
दरअसल, दुबई की एक कोर्ट ने नेपाल के एक चौकीदार बहादुर सिंह की हत्या के मामले में तेलंगाना के पांच श्रमिकों को 25 साल जेल की सजा सुनाई थी। संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने दुबई की यात्रा के दौरान तत्कालीन राज्य मंत्री के.टी. रामा राव (केटीआर) की अपील के बाद उनकी दया याचिका को पिछले साल सितंबर में मंजूरी दे दी थी।

केटीआर ने श्रमिकों की घर वापसी के लिए टिकट करवाए
पूर्व मंत्री केटीआर ने सभी श्रमिकों की घर वापसी के लिए फ्लाइट टिकटों की व्यवस्था की। सभी दुबई की आवेर जेल में बंद थे। बता दें कि केटीआर सिरसिला से विधायक हैं। उन्होंने साल साल 2011 में मृतक बहादुर सिंह के परिवार से मिलने के लिए व्यक्तिगत रूप से नेपाल का दौरा किया था। साथ ही उन्हें शरिया कानून के अनुसार मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये सौंपा था।
 
दया याचिका के दस्तावेज यूएई सरकार को सौंपे
बाद में पीड़ित परिवार ने दया याचिका के दस्तावेज यूएई सरकार को सौंपे थे। हालांकि, कुछ कारणों और अपराध की गंभीरता को देखते हुए यूएई सरकार ने दया याचिका को मंजूरी नहीं दी।

पूर्व मंत्री केटीआर ने जबरदस्त सक्रियता दिखाई
वहीं, इस मामले में पूर्व मंत्री केटीआर ने जबरदस्त सक्रियता दिखाई। केटीआर दुबई में भारतीय महावाणिज्य दूत, मामले को संभाल रहे अरब वकील और अन्य सरकारी अधिकारियों के माध्यम से केस की स्थिति के बारे में लगातार पूछताछ करते रहे।
सितंबर 2023 में दुबई की अपनी पिछली यात्रा के दौरान केटीआर ने यूएई सरकार से दया याचिका को मंजूरी देने का अनुरोध किया था।

Back to top button