मध्य प्रदेश

प्राध्यापक संवर्ग में भेदभाव मिटाने की पहल

 भोपाल

उच्च शिक्षा विभाग में प्राध्यापकों को एजीपी 10000 रुपए दिए जाने पर  संचालनालय और मंत्रालय में पदस्थ विशेष कर्तव्य अधिकारियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री  डॉ. मोहन यादव एवं उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का आभार व्यक्त  किया।

गौरतलब है कि कि प्राध्यापकों को वर्ष 2010 में छटवें यूजीसी  वेतनमान में एजीपी 10000 स्वीकृत किया गया था जिसे वर्ष 2012 में वापस ले लिया गया था। जिस कारण विभाग में प्राध्यापक संवर्ग में भेदभाव की स्थिति बनी हुई थी। कनिष्ठ प्राध्यापकों को एजीपी 10000 रुपए मिल रहा था। जबकि वरिष्ठ प्राध्यापक को एपीजी 9000 रुपए दिया जा रहा था। इसके अतिरिक्त प्राध्यापकों की वरिष्ठ सूची वर्ष 2010 से लम्बित थी तथा प्रदेश के 500 से अधिक महाविद्यालय प्राचार्यविहीन थे तथा सेवानिवृत्त प्राध्यापकों से एजीपी के अन्तर के राशि की वसूली की जा रही थी।

मंगलवार  को आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत प्राध्यापकों को छटवें यू.जी.सी. वेतनमान में ए.जी.पी. 10000 स्वीकृत किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। जिससे प्राध्यापकों की विगत एक दशक से अधिक से समय से लम्बित मांग का निराकरण हो गया है।

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