नई दिल्ली

भारत के सामने 1991 जैसा आर्थिक संकट, प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं समझ आ रहा तो कर सकते हैं मदद …

नई दिल्ली । कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि ईंधन की कीमतों में जब भी इजाफे की बात कही जाती है तो कह दिया जाता है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा हो रहा है। यह बात गलत है। हमारी सरकार थी, तब क्रूड ऑयल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल था और अब यह 71 डॉलर प्रति बैरल है। उन्होंने आगे कहा कि देश के सामने 1991 जैसा ही संकट पैदा हो रहा है। यह अर्थव्यवस्था की समस्या नहीं है बल्कि ढांचागत समस्या है। इससे नीतियों में बदलाव किए बिना बाहर निकला नहीं जा सकता है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने पेट्रोल, गैस व महंगाई को मुद्दा बनाकर ही सत्ता में आई थी। जिन्हें भाजपा ने मुद्दा बनाया वे ही आसमान पर हैं और पीएम नरेंद्र मोदी की कंट्रोल से बाहर हो गए हैं। जब कभी बात विकास की होती है तो हिन्दु-मुस्लिम का सियासीकरण कर बात दबा दिए जाते हैं। जिससे भारत की जनता कमर तोड़ महंगाई से त्रस्त है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि देश के युवाओं को यह सोचना चाहिए कि यह आपका पैसा है और इसे किसके हाथों में दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि 23 लाख करोड़ रुपए की रकम किन हाथों में जा रही है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोनेटाइजेशन प्लान से 6 लाख करोड़ रुपए जुटाने की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के ही 4 से 5 प्रिय मित्रों के हाथों में इसके तहत देश की संपत्ति चली जाएगी।

महंगाई समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस का विरोध नजर न आने को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि अभिव्यक्ति को रोका जा रहा है। आप जानते हैं कि मीडिया को बोलने नहीं दिया जा रहा है। हमें संसद में भी रोका जा रहा है। लेकिन इससे गुस्सा बढ़ता जाएगा और रिएक्शन जबरदस्त होगा। राहुल गांधी ने कहा कि हम लाखों लोगों को लेकर सड़क पर उतर सकते हैं, लेकिन उसके दूसरे खतरे हैं। इसलिए हम ऐसा करने से बच रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को 23 लाख करोड़ रुपये की रकम बढ़े हुए टैक्स से मिली है। आखिर यह रकम कहां जाएगी। हमारी सरकार के दौर में जब 105 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल था तो देश में पेट्रोल की कीमत 71 रुपये लीटर थी। आज दुनिया में क्रूड 71 में है तो पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के पार है।

उन्होंने कहा कि हमने जिन आर्थिक नीतियों को हमने 1991 से 2012 तक चलाया, वह अब नहीं है। यह बात सही है कि 2012 के बाद से वह काम नहीं कर रही थी। हमारा कहना है कि एक नई एप्रोच की जरूरत है। पीएम मोदी ने वादा किया था कि मैं ऐसा करूंगा। वह न्यू इंडिया, मेक इन इंडिया की बात करते हैं, लेकिन ये सभी बातें खोखली हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि अर्थव्यवस्था फेल हो रही है। यदि पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को कुछ समझ नहीं आता है तो हम अपने एक्सपर्ट्स को भेज देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि शेयर बाजार में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है, लेकिन यह 50 कंपनियों का ही तमाशा है। देश की 300 से 400 प्रमुख कंपनियों की हालत खराब हो रही है। वही देश का भविष्य हैं, लेकिन उनकी हालत खराब हो रही है। देश को रोजगार मध्यम श्रेणी की इंडस्ट्री देती है, लेकिन मोदी जी के दिमाग में उनके लिए कोई जगह ही नहीं है।

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