छत्तीसगढ़रायपुर

कवर्धा के लोक अदालत में एक ही दिन में 11565 से भी अधिक प्रकरणों का किया गया निराकरण ….

कवर्धा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में जिला एवं पण्डरिया तहसील स्तर में  जिला न्यायाधीश व , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीमती नीता यादव, के दिशा-निर्देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

जिला न्यायाधीश श्रीमती नीता यादव ने उक्त लोक अदालत का शुभारंभ विद्या की देवी सरस्वती जी के फोटोचित्र पर पूजा-अर्चना करते हुए दीप प्रज्जवलित कर किया गया। तत्पश्चात् अन्य न्यायाधीशगण, उपस्थित पक्षकारगण एवं अधिवक्तागण तथा अन्य संस्थाओं के अधिकारियों द्वारा भी दीप प्रज्जवल किया गया। उक्त लोक अदालत में राजीनामा योग्य समस्त प्रकृति के प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 981 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के प्रकरणों में  जिला एवं सत्र न्यायाधीश  श्रीमती यादव द्वारा कुल 04 प्रकरण का निराकरण करते हुए 20450000/- की अवार्ड राशि तथा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती स्वर्णलता टोप्पो द्वारा 3 प्रकरणों में 575000 रुपए की अवार्ड राशि पारित की गई। इसके अतिरिक्त कुटुम्ब न्यायालय द्वारा कुल 25 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

राजस्व न्यायालय में कुल 10401 प्रकरणों का निराकरण हुआ। इसी प्रकार नगर पालिका, कबीरधाम द्वारा 41 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 269942  रुपए  की वसूली की गई। इस लोक अदालत में  6 सिविल प्रकरणों का भी निराकरण हुआ। इस लोक अदालत में इस प्रकार एक ही दिन में 11565 से भी अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया।

लोक अदालत के दौरान वर्चुअल मोड अर्थात् विडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से भी प्रकरणों का निराकरण किया गया। 01 प्रकरण के दौरान कुटुम्ब न्यायालय में लंबित प्रकरण में पक्षकार अत्यंत वृद्ध होने तथा स्वास्थ्यगत के समस्या के कारण न्यायालय में उपस्थित होने में असमर्थ थी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव अमित प्रताप चन्द्रा द्वारा तत्काल शासकीय वाहन के माध्यम से पी.एल.व्ही.गण हरिराम यादव एवं तरूण सिंह ठाकुर, को पक्षकार के घर भेजा गया। पी.एल.व्हीगण द्वारा कुटुम्ब न्यायालय के न्यायाधीश आलोक कुमार से पक्षकार को विडियों कांफ़्रसिंग  से जोड़ा गया। पक्षकार अपने पुत्र के साथ रहने के लिए राजी हुई।

एक अन्य प्रकरण धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम 1881 (चेक बाउंस प्रकरण) में अपीलीय न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज शर्मा के न्यायालय में लोक अदालत के दौरान एक रोचक दृश्य देखने को मिला। प्रकरण में एक लाख रू. के चेक अनादरण के मामले में अभियुक्त को 6 माह कारावास का दण्डादेश एवं एक लाख रू. प्रतिकर परिवादी को दिलाये जाने का आदेश दिया गया था, लोक अदालत में दोनों पक्ष राजीनामा हो गए, इसलिए राजीनामा के आधार पर अभियुक्त दोषमुक्त घोषित किया गया एवं उसे दी गई 6 माह कारावास की सजा से उसे मुक्ति प्राप्त हो गई।

नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय में कुल 08 खण्डपीठ गठित की गई थी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैम्प लगातार कुल 10 कोविड वैक्शीनेशन तथा कुल 55 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।  उक्त लोक अदालत के सफल आयोजन के अनुक्रम में समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, जिला प्रशासन सहित अन्य समस्त विभागों का भरपूर सहयोग रहा है नगर पालिका तथा पुलिस विभाग द्वारा भी प्राधिकरण को सहयोग किया गया है।

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