लेखक की कलम से
इश्क में…
बाख़ुदा बेख़ुदी नहीं जाती
मुख़्तसर सी कमी नहीं जाती
इक रवानी है बहते दरिया की
इश्क़ में तिश्नगी नहीं जाती
बस तमाशे का इक सबब होगी
बात दिल की कही नहीं जाती
©पूजा मिश्रा, अयोध्या, उत्तरप्रदेश
बाख़ुदा बेख़ुदी नहीं जाती
मुख़्तसर सी कमी नहीं जाती
इक रवानी है बहते दरिया की
इश्क़ में तिश्नगी नहीं जाती
बस तमाशे का इक सबब होगी
बात दिल की कही नहीं जाती
©पूजा मिश्रा, अयोध्या, उत्तरप्रदेश