लेखक की कलम से

हिन्दू हूँ …

हिन्दू हूँ हिंदोस्तान ये हमारा है,

हिंदी को आचार में लाना है।

हम सब जन ने ये जाना है,

हिंदी को आगे बढ़ाना है।

 

भारत की राजभाषा,

प्रचीन देव भाषा,

संस्कृत से जन्मी,

ये आर्य भाषा,

हम सब जन ने ये जाना है,

हिंदी को आगे बढ़ाना है।

 

शव्दों से सजी,

अलंकारित हुई।

मुहावरों में ढ़ली,

छंद युक्त हुई।

हम सब जन ने ये जाना है,

हिंदी को आगे बढ़ाना है।

 

ये ऐसी बोली,

जो सबकी होली,

ममता से भरी,

है इसकी झोली।

हम सब जन ने ये जाना है।

हिंदी भाषा को आगे बढ़ाना है।

 

©झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड                             

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