लेखक की कलम से

रंगों की सौगात यह होली …

 

रंगों की सौगात यह होली,

खुशियों की बरसात यह होली,

भीगे तन-मन की है यह होली,

जिंदगी का सार यह होली,

मिट जाते हैं भेद ये सारे,

कौन है छोटा, कौन है बड़ा,

कौन है राजा, कौन है रंक,

कौन है अपना कौन पराया,

भेद नहीं आज रंग का कोई,

कौन है गोरा, कौन है काला,

एक रंग में रंग जाते हैं सारे,

है न यह अनमोल होली !

पिचकारी संग बच्चों की टोली,

आई भरकर रंगों की झोली,

खूब मचाई धमाचौकड़ी,

हर कान्हा, हर राधा की होली,

हर मनमीत की यह होली,

खूब मचाई रास- रंगोली,

ले पिचकारी सखियों संग,

ढूंढ रही राधा की टोली,

छुपा कंहा कान्हा हमजोली,

बुराइयों का दहन यह होली,

मनमुटाव पर जीत यह होली,

वैमनस्यता पर प्रहार यह होली,

बुजुर्गों की शान यह होली,

रस्मों रिवाजों की वरदान यह होली,

परंपराओं की गान यह होली ।।

 

 

©पूनम सिंह, नोएडा, उत्तरप्रदेश                                

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