लेखक की कलम से

फगुनई रंग मुबारक …

 

आया होली का त्योहार,

पूछ रहा है कलमकार।।

काहे मचा है हाहाकार,

नहीं मानवता से सरोकार।।

काहे मर रहा है निराधार,

शिक्षक को वेतन की दरकार।।

बोलो बोलो सरकार,

क्यों अधिकारों पर पलटवार।।

आया होली का त्योहार !

©लता प्रासर, पटना, बिहार

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