लेखक की कलम से

चैत की बारिश और बारिश में चैत मुबारक

चुनौतियां सिखाती हैं
शक्तियां बढ़ातीं हैं
स्वाभिमान बना रहे
विपत्तियां सुनातीं हैं!

 


पल पल बीता जाए रे
कौन उन्हें समझाए रे
वक्त वेधता हर पीड़ा को
वक्त ही उसे समझाये रे

©लता प्रासर, पटना, बिहार

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