मध्य प्रदेश

53 जिलों के कॉलेजों को ‘प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ का ग्रीन सिग्नल

ग्वालियर

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में जो फैसला लिया था अब उसे मूर्त रूप दे दिया गया है। प्रदेश सरकार ने 53 जिलों में संचालित कॉलेजों को अपग्रेड करते हुए प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की स्वीकृति दे दी है। उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भवाली ने इस संबध में आदेश जारी कर दिए है। नई शिक्षा नीति के तहत इन प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज में अब सभी प्रकार के कोर्स की पढ़ाई हो सकेगी। यही नहीं छात्रों की डिग्री और मार्कशीट के लिए डिजी लॉकर की व्यवस्था भी की जाएगी।

सीएम जब उच्च शिक्षा मंत्री थे तब बनी थी स्कीम
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस खोलने की स्कीम मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने प्रदेश में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए तैयार की थी। विधानसभा चुनाव से पहले बनाई गई इस स्कीम को नई शिक्षा नीति के तहत आवश्यक बताया गया था, लेकिन लाड़ली बहना योजना की वजह से इस स्कीम को रोक दिया गया था। लिहाजा मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही डॉ.मोहन यादव ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के 53 जिलों में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने का फैसला लिया था।

2119 नए पद
पूर्व में संचालित 53 कॉलेजों को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की स्वीकृति के साथ ही इन कॉलेजों में 2119 नए पद भी सृजित किए गए है। इनमे 1750 शैक्षणिक है, जिनमे सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति की जाएगी। जबकि 369 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पद आउटसोर्स के जरिए भरे जाएगें। इनमे 158 प्रयोगशाला तकनीशियन, 158 प्रयोगशाला परिचारक और 53 कम्प्यूटर आॅपरेटर शामिल है। सभी 53 कॉलेजों में यह पद आवश्यकता अनुसार आवंटित किए गए है।

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