लखनऊ/उत्तरप्रदेश

कानपुर के पूर्व आयुक्त अरुण हुए भाजपा में शामिल, लड़ेंगे चुनाव, अखिलेश बोले- चुनाव आयोग से करूंगा शिकायत…

लखनऊ । पूर्व कमिश्नर असीम वरूण के भाजपा ज्वाइन करने व चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही प्रदेश की सियासत में तेज उफान आ गया है। जहां उनकी ज्वॉइनिंग का सभी राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इसे लेकर सख्ती बरतने के मूड में हैं। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि असीम अरूण के भाजपा में शामिल होने से यह साबित हो गया कि वर्दी की आड़ में कैसे-कैसे लोग छुपे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे।

कानपुर के पूर्व कमिश्नर असीम अरुण के यूपी चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। अखिलेश का कहना है कि वह इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे कि असीम के साथ भाजपा में शामिल हुए सभी पुलिस अधिकारियों को हटाया जाए क्योंकि इससे चुनाव प्रभावित हो सकता है।

अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि असीम अरुण के आज भाजपा में शामिल होने से साबित हो गया है कि वर्दी में कैसे कैसे लोग छुपे हुये हैं। दरअसल हाल ही में भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले कर अरुण ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। समझा जाता है कि अरुण को भाजपा उनके गृह जनपद कन्नौज से विधान सभा में पार्टी का उम्मीदवार बना सकती है।

अखिलेश ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि मैंने पंचायत चुनाव के समय ही कहा था कि ये चुनाव भाजपा की तरफ से पुलिस अधिकारी लड़ रहे हैं। आज मेरी वह बात सच साबित हुयी। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि अरुण के साथ पिछले पांच साल में जितने अधिकारियों ने काम किया, उनकी पहचान कर चुनाव आयोग उन अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया से हटाये। उन्होंने कहा कि अगर आयोग ऐसा नहीं करता है तो निष्पक्ष चुनाव कराने के उसके दावे पर सवाल खड़ा होगा।

इस दौरान अखिलेश ने योगी सरकार में वन मंत्री का पद छोड़कर आये दारा सिंह चौहान और उनके समर्थकों को सपा की सदस्यता दिलायी। अखिलेश ने सभी का सपा में स्वागत करते हुए कहा कि चुनाव के बाद सपा सरकार बनने पर तीन महीनों के भीतर जाति आधारित जनगणना करायी जायेगी। उन्होंने चौहान की तारीफ करते हुए कहा कि वन मंत्री के रूप में चौहान ने प्रदेश में वन और पर्यावरण की बेहतरी के  लिये बहुत प्रयास किया लेकिन मुख्यमंत्री योगी को पेड़ पौधों, जीव जंतुओं और  नदियों से लगाव नहीं है। उन्होंने कहा कि इटावा में लॉइन सफारी का उद्घाटन चौहान जी की बदौलत ही हो पाया, वरना योगी तो चाहते ही नहीं थे कि इस सफारी का उद्घाटन हो। मुझे उसी दिन लग गया था कि हमें चौहान  जी को सपा में लाना होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ को सर्वाधिक झूठ बोलने वाला मुख्यमंत्री करार देते हुये अखिलेश ने कहा कि जो मुख्यमंत्री पूरे कार्यकाल कहता रहा हो ‘सबका साथ सबका विकास’, वह मुख्यमंत्री अब ’80 बनाम 20′ की बात करने लगे। इससे पता चलता है कि योगी से ज्यादा झूठ नहीं कोई नहीं बोलता है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि योगी भाजपा के सदस्य ही नहीं हैं। अखिलेश ने कहा कि जिस मुख्यमंत्री को चुनाव में खुद अपने लिये ही टिकट मांगना पड़ा हो और उसे अपनी मर्जी की सीट से पार्टी ने टिकट न दिया हो उससे  मुख्यमंत्री की पार्टी में स्थिति का पता चल जाता है। उन्होंने कहा कि कल इसीलिये मुख्यमंत्री गोरखपुर में बेमन से  खिचड़ी खा रहे थे। सभी जानते हैं कि वह वोट की खातिर गरीबों के साथ खिचड़ी  खाने का प्रपंच मात्र कर रहे थे।

अखिलेश ने सपा में भाजपा से तमाम मंत्रियों और विधायकों के शामिल होने पर कहा कि भाजपा वाले अब डिप्रेशन में चले गये हैं और ‘डेमेज कंट्रोल’ में लगे हैं। सपा अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि भाजपा के हक में झूठे सर्वे दिखाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जमीनी सच्चाई यह है कि भाजपा वालों को जनता अब पीट रही है।

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