मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में पहली बार ‘राजाराम से वनवासी राम’ के जीवन पर होगी परीक्षा, तुलसी मानस प्रतिष्ठान व संस्कृति विभाग का आयोजन …

भोपाल। मप्र में पहली बार ‘राजाराम से वनवासी राम’ के जीवन पर आधारित एक अनोखी परीक्षा होगी। रामायण के अयोध्या कांड को परीक्षा के केंद्र बिंदु में रखा जाएगा। इसमें राम व वनवासियों के बीच जितने भी प्रसंग हुए उन्हें विशेष रूप से परीक्षा में शामिल किया जाएगा। पूरी परीक्षा का सबसे बड़ा पहलू इसका धार्मिक पुरस्कार है।

आयोजक इसमें नकद राशि देने की बजाय जीतने वालों को अयोध्या में रामलला के वीवीआईपी दर्शन का पुरस्कार देंगे। इतना ही नहीं तमाम विजेताओं को उनके गृह जिले से प्लेन में बैठाकर अयोध्या ले जाया जाएगा और फिर वापिस उनके जिले में छोड़ा जाएगा। इस दौरान आवास और भोजन की समस्त व्यवस्था आयोजकों की होगी। यह परीक्षा तुलसी मानस प्रतिष्ठान और संस्कृति विभाग मिलकर करवाएंगे। अब तक परीक्षा के लिए दो बैठक हो चुकी हैं और इसे तीन चरण में पूरा किया जाएगा।

पहले संभाग और फिर जिला स्तर पर परीक्षा के लिए माहौल बनाया जाएगा। इसके बाद प्रदेश स्तर पर एक साथ ऑनलाइन परीक्षा होगी। इसका स्तर कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व में संस्कृति, आध्यात्म जैसे विभागों की कमान संभालने वाले रिटायर्ड आईएएस अफसर मनोज श्रीवास्तव को भोपाल संंभाग में जिम्मा देने की तैयारी है। वहीं, परीक्षा का तकनीकी जिम्मा मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड को दिया गया है।

पूरी परीक्षा अयोध्या कांड पर होगी। इसी कांड में राजाराम के राज्य त्यागने के साथ वन गमन, केंवट का प्रेम, जंगल में कोल-भीलों के साथ बिताया समय, आदिवासी निषादराज से भेंट, राम-भरत मिलाप आदि प्रसंग आते हैं। परीक्षा के बहाने प्रदेश में सामाजिक समरसता पर फोकस होगा।

परीक्षा में एक जिले से 8 विजेताओं का चयन होगा। इसमें 4 छात्र और 4 आम लोग होंगे। जीतने वालों को चार्टर प्लेन से सीधे अयोध्या ले जाया जाएगा। आयोजकों ने अब तक ऐसे 30 जिले चिन्हित कर लिए हैं, जिनमें हवाई पट्‌टी बनी है और जिनमें नहीं बनी, उन जिलों के विजेताओं को नजदीकी हवाई पट्‌टी से उड़ान भरने का अवसर देंगे।

परीक्षा के लिए सरकार की तरफ से अब तक कोई बड़ा बजट आयोजकों को नहीं मिला है। ऐसे में आयोजकों ने परीक्षा के जरिए ही फंड जुटाने का लक्ष्य तय किया है। परीक्षा में प्रत्येक प्रतिभागी से 100 रुपए शुल्क लिया जाएगा। इसी राशि से पूरा आयोजन किया जाएगा।

 

तीन चरणों में आयोजित होगी प्रदेश स्तरीय परीक्षा

राजाराम से लेकर वनवासी राम के चरित्र को लोग समझें और जानें, इसके लिए प्रदेश स्तरीय परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। इसमें हम संस्कृति व आध्यत्मक विभाग का सहयोग लेंगे। विजेताओं को प्लेन के जरिए रामलला के वीआईपी दर्शन करवाने लेकर जाएंगे। इसके लिए अब तक दो बैठक हो चुकी हैं। परीक्षा तीन चरणों में होगी।

– रघुनंदन शर्मा, अध्यक्ष तुलसी मानस प्रतिष्ठान

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