बिलासपुरछत्तीसगढ़

मां और बेटी को पहले रॉड से मारा, फिर चढ़वा दी गाड़ी; रायगढ़ की जिला अदालत का फैसला, पूर्व विधायक को उम्रकैद की सजा …

रायगढ़। जिले में मां-बेटी की हत्या करने के मामले में जिला कोर्ट ने बीजू जनता दल के पूर्व विधायक अनूप कुमार साय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ओडिशा के इस पूर्व विधायक ने 6 साल पहले महिला और उसकी बेटी की बेरहमी से रॉड मारकर हत्या की थी। इसके बाद सबूत छिपाने के लिए दोनों के ऊपर गाड़ी चलवा दी थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी और उसके ड्राइवर को घटना के 4 साल बाद गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने ड्राइवर को सबूत नहीं मिलने पर बरी कर दिया।

ये पूरा मामला 7 मई 2016 का है। जब 7 मई 2016 को इस मामले में पुलिस से शिकायत हुई थी। पुलिस को बताया गया था कि चक्रधरनगर थाना के संबलपुरी गांव में मां शाकंम्बरी प्लांट के रास्ते पर एक महिला और एक बच्ची की लाश मिली है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की थी। जांच में पुलिस ने महिला की पहचान ओडिशा के बृजराजनगर निवासी कल्पना दास श्रीवास्तव और बच्ची की पहचान बबली श्रीवास्तव(14) के रूप में की थी।

दोनों के बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच और तेज की थी। मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला गया था। जिसमें ओडिशा के बृजराजगर से BJD( बीजू जनता दल) के पूर्व विधायक अनूप कुमार साय(59) का नाम आया था। इसके बाद पुलिस ने अनूप कुमार साय को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी। पूछताछ में पहले तो अनूप कुमार साय ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी। मगर बाद में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।

पूछताछ में अनूप कुमार ने बताया था कि कल्पना से उसकी मुलाकात 2004-05 में हुई थी। जिसके बाद पहले उससे दोस्ती हुई। फिर हमारे बीच प्रेम प्रसंग हो गया था। इसी के चलते मैंने उसे अपने भुवनेश्वर के मकान में रखा था। लेकिन उसने मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। वह मुझ पर शादी करने और पैसा देने का दबाव बनी रही थी। ब्लैकमेल कर रही थी। इसी वजह से मैं तंग आ गया था।

अनूप ने पुलिस को बताया था कि इन्हीं सब बातों से तंग आगर मैंने कल्पना को शादी का झांसा दिया था और कल्पना और उसके बेटी को लेकर रायगढ़ आ रहा था। इसी बीच मौके मिलने पर मैंने पहले रॉड से दोनों को मारा था। इसके बाद सबूत मिटाने अपने ड्राइवर से दोनों के ऊपर गाड़ी चलवा दी थी। अनूप के इस बयान के बाद पुलिस ने उसके ड्राइवर बर्मन टोप्पो को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी की बात 14 फरवरी 2020 को बताई थी। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद से यह पूरा मामला रायगढ़ के जिला कोर्ट में चल रहा था। जिस पर अब फैसला आया है। कोर्ट ने सबूत के अभाव में अनूप के ड्राइवर को बरी कर दिया है।

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