लखनऊ/उत्तरप्रदेश

भाजपा में बगावत का अंदेशा, रीता जोशी ने बेटे को टिकट देने के बदले सांसदी से इस्तीफे का दिया प्रस्ताव, भाजपा नेतृत्व को लिखा खुला पत्र …

लखनऊ । बीजेपी में बगावती सुर तेज हो रहे हैं। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दंभ भरने वाली भाजपा यूपी में ही अल्पसंख्यक होने जा रही है। पार्टी में अब ब्राम्हण समुदाय बगावत करने के मूड में नजर आ रहा है। बेटे को टिकट नहीं मिलने से नाराज ब्राम्हणों का प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद रीता जोशी अब बेटे मयंक जोशी को लखनऊ कैंट से टिकट के लिए सांसदी भी छोड़ने को तैयार हो गई हैं। उन्होंने इस बारे में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर अपनी बात कही है। भाजपा ने सांसदों को टिकट देने से इनकार किया है। पार्टी ने एक परिवार एक टिकट का ऐलान किया है। इसी के तहत जोशी के बेटे को टिकट पर संशय की स्थिति है।

रीता जोशी ने कहा कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट के पार्टी के फैसले के बारे में जब पता चला तो मैंने इस बारे में पत्र लिखा है। रीता का कहना है कि अगर कोई चुनावी राजनीति में आना चाहता है और लंबे समय से समाजसेवा कर रहा है तो उसे टिकट में हर्ज नहीं होना चाहिए।

रीता जोशी ने यह भी कहा कि मैंने पहले ही 2024 का चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर रखी है। अब मैं सासंदी छोड़कर पार्टी का काम करना चाहती हूं। रीता बहुगुणा का कहना है कि अगर मौजूदा सांसद के बेटे को टिकट देने में दिक्कत है तो वो सांसदी छोड़ने को तैयार हैं। रीता जोशी जिस सीट लखनऊ कैंट से टिकट मांग रही हैं, उस पर बीजेपी में कई दावेदार हो गए हैं।

रीता जोशी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी को ज्वाइन किया था। रीता का कहना है कि उनका बेटा 2009 से राजनीति में एक्टिव है और लोगों के लिए काम कर रहा है। ऐसे में उनके बेटे मयंक जोशी को टिकट मिलना चाहिए।

रीता के अलावा बीजेपी में अपने बेटों के लिए टिकट मांगने की लिस्ट में बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल, केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का भी नाम शामिल है। इन सभी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने बेटों कि लिए टिकट की मांग की है।

इस बीच बीजेपी में यूपी विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर बैठक चल रही है। उम्मीद की जा रही है कि तीसरे और चौथे चरण के लिए बुधवार को टिकटों का ऐलान होगा।

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