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किसानों ने सांसद के खिलाफ पुलिस से की शिकायत, केस दर्ज न करने पर थाने में दिया धरना…

हिसार। नारनौंद में भाजपा राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के घेराव के दौरान टकराव में किसान के घायल होने के मामले में पुलिस को शिकायत दी है। देर रात डीएसपी को सौंपी शिकायत में बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा की शह पर ज्यादती करने का आरोप लगा किसानों ने केस दर्ज करने की मांग की। लिखित शिकायत के बावजूद भी हांसी पुलिस ने अभी केस दर्ज नहीं किया है।

पुलिस का कहना है कि पहले शिकायत की जांच होगी उसके बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस मामले में रविवार को भी नारनौंद थाना परिसर में किसानों का धरना जारी रहा। सोमवार को 10 बजे प्रस्तावित एसपी हांसा के कार्यालय के घेराव के लिए किसान रणनीति बनाने में जुटे रहे। किसानों ने इस मामले में प्रशासन को रविवार तक का समय दिया है। किसानों की मांग है कि सांसद और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए और किसानों के खिलाफ दर्ज केस रद्द हों। अगर प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो सोमवार को हांसी में एसपी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।

खरड़ गांव वाली के किसान नेता कुलदीप की ओर से दी शिकायत में कहा है कि वह और उनके साथी शुक्रवार को सांसद रामचंद्र जांगड़ा का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे। विरोध में सातरोड का किसान कुलदीप भी शामिल था। उन्होंने आरोप लगाया कि कुलदीप को देख सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने गाड़ी में बैठे साथी से कहा कि यह कुलदीप राणा बड़ा आंदोलनकारी बनता है। जगह-जगह विरोध करने पहुंच जाता है, आज इसको निपटा दो। इसके बाद जांगड़ा के साथ बैठे व्यक्ति ने कार से उतरकर कुलदीप के सिर में जोर-जोर से मुक्के मारे, इससे बेसुध होकर वहीं गिर गया। कुलदीप को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। शिकायत में मांग की है कि इस मामले में सांसद रामचंद्र जांगड़ा और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।

हांसी डीएसपी जुगलकिशोर के अनुसार किसानों ने शिकायत दी है, मामले की पहले जांच की जाएगी। इस मामले में पुलिस के पास पूरे एपिसोड के सुबूत हैं, अभी मामले में कोई अपराध बन ही नहीं रहा है। चोटिल ने अभी तक बयान ही नहीं दिए हैं, इस कारण से केस दर्ज नहीं किया गया। मामले के संबंध में एडवोकेट विक्रम मित्तल ने बताया कि प्राथमिक सूचना दर्ज करना पुलिस का काम है। अगर कुछ गलत पाया जाता है तो एफआईआर रद्द की जा सकती है, लेकिन पहले ही यह कह देना कि मामला बनता ही नहीं, इससे पुलिस की मानसिकता साफ उजागर हो रही है। यह भी जरूरी नहीं है कि जो घायल है वही शिकायत दे और उसी के बयान पर केस दर्ज किया जाए।

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