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‘हर रात बंगले पर नई लड़की बुलाता था एसडीएम’, जब लड़की भेजने से मना किया तो बोला- तुम ही बंगले पर आ जाया करो ….

भोपाल/शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के पिछोर एसडीएम पर बंद हो चुके सीनियर कन्या छात्रावास (प्रथम) की तत्कालीन वार्डन पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी मचा दी है। वार्डन ने कलेक्टर और दूसरे बड़े अधिकारियों से शिकायत की है कि हॉस्टल के निरीक्षण के बाद एसडीएम हर रात उनके बंगले पर एक छात्रा को पहुंचाने का कहते थे। जब मैंने ऐसा करने से मना किया तो मुझे खुद आने के लिए कहा। जब उनकी गलत डिमांड पर राजी नहीं हुई तो हॉस्टल बंद करवा दिया और छात्राओं को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट करवाकर मुझे हॉस्टल के ऑफिस में अटैच कर दिया।

सीनियर कन्या छात्रावास (प्रथम) की तत्कालीन वार्डन राजकुमारी कोली ने बताया, पिछोर के तत्कालीन एसडीएम बिजेंद्र यादव के पास पहले आदिम जाति कल्याण विभाग का प्रभार भी था। वे प्रभारी जिला संयोजक हुआ करते थे। इसी साल मई में उन्होंने हॉस्टल का निरीक्षण किया था। इसके बाद दबाव बनाते हुए उन्होंने कहा था कि रोज रात में एक छात्रा को बंगले पर भेज दिया करो और सुबह वापस ले जाया करो। मेरे मना करने पर उन्होंने कहा कि छात्राओं को नहीं भेज पा रही तो तुम खुद बंगले पर आ जाया करो। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने हॉस्टल को बंद कराने की धमकी दी थी।

वार्डन राजकुमारी ने बताया कि 29 जुलाई को मेरा ट्रांसफर कर दिया गया। जब एसडीएम के गलत इरादे पूरे नहीं हुए तो उन्होंने नियमों को दरकिनार कर हॉस्टल बंद करवा दिया। छात्राओं को 50 सीटर शासकीय अनुसूचित जाति जिला स्तरीय कन्या उत्कृष्ट छात्रावास कमलागंज में शिफ्ट कर दिया, जबकि वहां पर सिर्फ 50 छात्राओं के रहने की ही व्यवस्था है।

हॉस्टल की अधीक्षिका द्वारा शिकायत किए जाने के बाद कलेक्टर ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने शिकायत की जांच करने के लिए एक जांच दल का भी गठन कर दिया है। कलेक्टर का कहना है कि जांच रिपोर्ट आ जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

वर्तमान में बिजेंद्र सिंह यादव पोहरी एसडीएम के रूप में पदस्थ हैं। इस मामले में बिजेंद्र सिंह यादव का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जिस अधीक्षिका ने उनकी शिकायत की है, वह लापरवाही के चलते सस्पेंड भी रह चुकी है। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए हॉस्टल्स के निरीक्षण पर जाता था। हॉस्टल वार्डन का ट्रांसफर एक प्रोसेस का हिस्सा था। इसी बात से नाराज होकर वह गलत आरोप लगा रही है। मैंने खुद कलेक्टर से निवेदन किया है कि इस मामले की पूरी जांच करवाई जाए और जो भी दोषी हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

दूसरे हॉस्टल्स की वार्डन एसडीएम के समर्थन में उतर आई हैं। वार्डन मोनिका तोमर, कविता कुशवाह, डॉ. रजनी आर्य, अनीता तिम्मी और पुष्पा देवी आर्य ने कलेक्टर को लिखित में देकर कहा है कि एसडीएम बिजेंद्र यादव सभी का सम्मान करते हैं, उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं। आरोप लगाने वाली राजकुमारी जब पोहरी में पदस्थ थी, तब उन्होंने तीन दिन तक छात्राओं को भूखा-प्यासा रखा था। उस समय पोहरी की तत्कालीन एसडीएम पल्लवी वैद्य ने वहां जाकर छात्राओं को खाना खिलवाया था।

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